चुनाव आयोग ने सोमवार (27 अक्टूबर) को देश के 12 राज्यों में एसआईआर (स्पेशल समरी रिवीजन) के दूसरे चरण की घोषणा की है। इनमें राजस्थान भी शामिल है। इसको लेकर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजस्थान में एसआईआर के नाम पर वोट चोरी नहीं होने देगी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी। डोटासरा ने कहा कि बीजेपी सरकार पहले परिसीमन (Delimitation) और फिर वन स्टेट वन इलेक्शन का मुद्दा उठाकर राजस्थान में चुनाव को टालना चाहती है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही चुनाव आयोग को लिखित में सूचित किया है कि राजस्थान में निकाय और पंचायत राज चुनाव फरवरी में कराए जाएंगे। बावजूद इसके, एसआईआर को जानबूझकर लागू किया जा रहा है ताकि इन चुनावों को और आगे बढ़ाया जा सके। कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि एसआईआर के पीछे बीजेपी की असली मंशा वोट चोरी करना है। उन्होंने कहा, “राजस्थान में 7 फरवरी 2026 तक मतदाता सूची फ्रीज है, यानी तब तक निकाय और पंचायत चुनाव नहीं हो सकते।
बीजेपी यही चाहती है कि एसआईआर के नाम पर मतदाता सूचियों में गड़बड़ी करके वोट चोरी की जाए और चुनावों को अपने अनुकूल बनाया जाए। यह पूरा कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।” डोटासरा ने यह भी कहा कि राज्य की बीजेपी सरकार ने निकाय और पंचायत राज चुनावों को ब्यूरोक्रेसी के हवाले कर दिया है। जब तक चुनाव नहीं होंगे, स्थानीय निकायों का गठन नहीं किया जा सकेगा और केंद्र सरकार किसी भी हालत में इन निकायों को फंड जारी नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य के विकास कार्यों को प्रभावित कर रही है और जनता को इसके परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता ने राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, “आरएसएस का एजेंडा सिर्फ हिंदू-मुस्लिम विवाद खड़ा करना है। वे धर्म की आड़ में समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते हैं। शिक्षा मंत्री को शिक्षा की बात करनी चाहिए, लेकिन वे गैरजरूरी मुद्दों में उलझे हैं। ऐसी सोच से न शिक्षा सुधरेगी और न ही समाज।”


