किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए ओम बिरला ने दिए निर्देश

Tina Chouhan

कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा और बून्दी जिलों में हो रही बेमौसम बारिश से किसानों की फसलों को हुए नुकसान और कृषि उपज मंडियों में खुले में रखे अनाज के भीगने की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने फसल खराबे की स्थिति पर भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। बिरला ने दोनों जिलों के जिला कलक्टरों को निर्देश दिए हैं कि मंडियों में रखी किसानों की उपज को सुरक्षित रखने के लिए तत्काल प्रभाव से ठोस कदम उठाए जाएं।

उन्होंने कहा कि उपज को पानी से बचाने के लिए मंडियों में पर्याप्त तिरपाल, शेड और ड्रेनेज व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, साथ ही किसानों को हरसंभव सहायता और सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए और जहाँ भी मंडियों या भंडारण स्थलों पर फसलें खुले में पड़ी हों, वहाँ अस्थायी सुरक्षा इंतजाम तुरंत किए जाएं। उपज की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

बिरला ने यह भी निर्देश दिए कि किसानों को न्यूनतम नुकसान से बचाने के लिए, यदि आवश्यक हो, तो मंडियों में खरीद प्रक्रिया पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जाए ताकि किसान खराब मौसम में अपनी उपज लेकर मंडी न पहुंचे। किसानों की मेहनत और उनकी उपज की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि कृषि विभाग, विपणन बोर्ड और मंडी समितियों के साथ समन्वय कर राहत और सुरक्षा की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को खराब मौसम के कारण किसी प्रकार की आर्थिक हानि न हो।

यदि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी होती है या उनकी उपज को नुकसान पहुंचता है, तो उसकी जिम्मेदारी मंडी समितियों की तय की जाएगी। बिरला ने अधिकारियों से यह भी कहा कि मौसम विभाग की चेतावनियों और पूवार्नुमानों को गंभीरता से लेते हुए ऐसी परिस्थितियों में पहले से आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित की जाएं। नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला जिले में बेमौसम बारिश से खेतों और भामाशाह मंडी में फसलों को नुकसान पहुंचने के सम्बंध में मंगलवार को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे।

इसमें किसानों की पीड़ा का उल्लेख करते हुए बताया था कि बेमौसम बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मूसलाधार वर्षा ने क्षेत्र में खरीफ की सोयाबीन, धान और मक्का जैसी प्रमुख फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में पानी भर जाने से सोयाबीन की कटी हुई फसलें सड़ चुकी हैं। वहीं धान की कटाई के समय पर आई इस बारिश ने नुकसान को और बढ़ा दिया है। इसके अलावा भामाशाह मंडी में आए किसानों की फसलों को भी बारिश में भीगने के कारण काफी नुकसान हुआ है।

ऐसे में किसानों को प्रकृति की दोहरी मार पड़ी है। इसलिए उन्हें अब सरकारी मुआवजे की दरकार है। फसल खराबे का जायजा लेने पहुंचे ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर मंगलवार को आसमान से बरसती बारिश के बीच दीगोद क्षेत्र में फसल खराबे का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान मंत्री नागर ने भीमपुरा, मूंडला, शोली आदि गांव के खेतों में पहुंचकर आडी पड़ी हुई धान की फसल को देखा। मंत्री नागर ने कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव विशाल राजन से फोन पर बात की और किसानों को राहत देने के लिए निर्देश दिए।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि खेतों में एक दो फीट तक पानी भरा हुआ है और खेत जलमग्न हैं। फली पकी होने से टूट कर गिर गई है। दाना 48 घंटे से अधिक पानी में रहने के कारण उगने लगा है। कटी धान पानी में डूब गई है। ऐसे में धान की फसल लगभग चौपट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग पूर्व में हो चुकी है, इसलिए दोबारा क्रॉप कटिंग के निर्देश दिए जाएं। दोबारा होने वाली क्रॉप कटिंग के आधार पर नुकसान आंकलन हो।

जिसके निर्णय के आधार पर ही मुआवजा राशि का निर्धारण किया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के तहत फिर से सर्वे कराया जाना चाहिए। उन्होंने जिला कलेक्टर से बात कर असमय बारिश और आपदा की संपूर्ण रिपोर्ट सरकार को भेजने के निर्देश दिए।

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