बिहार की महुआ विधानसभा सीट पर लालू परिवार के बीच चल रही जंग इस चुनाव की सबसे बड़ी खबर बन गई है। तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव के खिलाफ अपने करीबी मुकेश रोशन को फिर से टिकट देकर स्पष्ट संदेश दिया है कि वे उन्हें जीतने नहीं देंगे। तेज प्रताप अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) से चुनावी मैदान में हैं, जबकि तेजस्वी अभी तक उनके खिलाफ महुआ में प्रचार करने नहीं पहुंचे हैं।
महुआ सीट आरजेडी का पारंपरिक गढ़ रही है, जहां 2015 में तेज प्रताप ने 28 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। 2020 में मुकेश रोशन ने यहां से चुनाव जीता। इस बार मुकाबला जेजेडी के तेज प्रताप, आरजेडी के मुकेश रोशन, एनडीए के लोजपा (रामविलास) के संजय कुमार सिंह और जन सुराज के इंद्रजीत प्रधान के बीच है। यादव वोटों का बंटवारा तेज प्रताप के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, जहां रोशन 50-60% यादव वोट ले सकते हैं। लालू की विरासत और महुआ में शुरू किए गए मेडिकल कॉलेज का श्रेय तेज प्रताप को मिल रहा है।
वे भावनात्मक अपील करते हुए विक्टिम कार्ड खेल रहे हैं और ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर चलाकर प्रचार कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि यादव वोट ज्यादातर उनके पक्ष में जाएगा। एनडीए के संजय कुमार सिंह दलित और पासवान वोटों पर मजबूत पकड़ बना रहे हैं, जबकि युवा मतदाता विकास और रोजगार के मुद्दों पर निर्णय लेंगे। अगर यादव वोट 70% और मुस्लिम का 40% तेज प्रताप को मिला, तो वे 70-80 हजार वोट पार कर सकते हैं, जो जीत की दहलीज पर ले जा सकता है।


