राजस्थान के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर बुधवार को कोटा जिले की लाडपुरा पंचायत समिति में आयोजित जिला परिषद बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान जब सड़कों की खराब स्थिति और जल्द टूट जाने की शिकायतें सामने आईं तो मंत्री नागर का गुस्सा खुलकर झलका। उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और कहा, “तुमने जितनी इंजीनियरिंग की, उससे ज्यादा रोड मैंने बनवा दिए।” उनके तेवर देखकर बैठक में मौजूद अधिकारी सकते में आ गए। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब ‘सब चलता है’ वाला रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने मौके पर ही सख्त आदेश दिए कि जिन सड़कों की डामर परत कुछ ही महीनों में टूट गई है, उनकी जिम्मेदारी तय की जाए। संबंधित ठेकेदार से पूरी राशि रिकवर की जाए और सड़क को दोबारा उच्च गुणवत्ता के साथ बनवाया जाए। मंत्री ने कहा कि जनता के पैसों से घटिया निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने निर्माण कार्यों में गड़बड़ी पर नाराजगी जताई हो। हाल ही में उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर ‘समसा सिविल विंग’ को भंग करने की मांग की थी।
नागर ने पत्र में शिक्षा विभाग के तहत हो रहे स्कूल भवनों के निर्माण में खामियों और ठेकों में अनियमितताओं की ओर ध्यान दिलाया था। इसके बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सभी बिंदुओं की जांच कराई जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्वीकार किया कि विभाग में इंजीनियरों की भारी कमी है क्योंकि राज्य के पास अपना इंजीनियरिंग कैडर नहीं है। अधिकतर इंजीनियर अन्य विभागों से डेपुटेशन पर आते हैं, जिससे कार्यों की गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में विद्यालय निर्माण और मरम्मत कार्य केवल पीडब्ल्यूडी और अन्य सरकारी एजेंसियों के अनुभवी इंजीनियरों से कराए जाएंगे ताकि निर्माण में कोई कमी न रहे। मंत्री नागर और दिलावर दोनों ने कहा कि अब आगे से किसी भी विकास कार्य में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। ठेकेदारों को भी चेतावनी दी गई है कि अगर काम में लापरवाही बरती गई तो ब्लैकलिस्ट कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार का जोर इस बात पर है कि विकास कार्य टिकाऊ और पारदर्शी हों, ताकि जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।


