क्या ओसामा शहाब की पहचान बन गई है उनकी कमजोरी?

vikram singh Bhati

बिहार के सीवान जिले की रघुनाथपुर विधानसभा सीट पर पूर्व बाहुबली शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब आरजेडी के उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश में ओसामा जहां शहाबुद्दीन के नाम पर वोट मांग रहे हैं, वहीं विपक्ष उनके पिता के कांडों और आपराधिक छवि को मुद्दा बनाकर हमलावर है। यह सीट शहाबुद्दीन परिवार का गढ़ मानी जाती है, जहां से उनकी पत्नी हिना शहाब को 2024 लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट मिले थे।

आरजेडी ने मौजूदा विधायक हरिशंकर यादव का टिकट काटकर ओसामा को मौका दिया, जो शहाबुद्दीन के करीबी रहे हैं और अब उनके लिए लगातार प्रचार कर रहे हैं। ओसामा के सामने जेडीयू के विकास कुमार सिंह उर्फ जीशु सिंह और जन सुराज के राहुल कुमार सिंह मजबूत चुनौती पेश कर रहे हैं। रघुनाथपुर में मुस्लिम (23%), यादव (12%), राजपूत (10%) और शाह समुदाय (8%) के वोटर निर्णायक हैं, जहां आरजेडी यादव-मुस्लिम गठजोड़ पर भरोसा जता रही है।

क्या स्थानीय समर्थन मिल रहा ओसामा की सबसे बड़ी ताकत पिता का नाम है, जिसके दम पर उन्हें टिकट और स्थानीय समर्थन मिल रहा है। वे सभाओं में ‘एमपी साहब’ के कामों को आगे बढ़ाने का वादा कर रहे हैं। लेकिन यही ताकत कमजोरी भी बन रही है, क्योंकि जेडीयू और बीजेपी शहाबुद्दीन के आतंक के दौर, तेजाब कांड और आपराधिक इतिहास को लगातार उजागर कर रहे हैं। भाजपा खूब साध रही निशाना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीवान में प्रचार के दौरान ओसामा पर सीधा निशाना साधा।

शाह ने कहा कि शहाबुद्दीन की विचारधारा को हराना है, जबकि योगी ने नाम और कांडों का जिक्र कर अपराध की राजनीति पर हमला बोला। ऐसे में ओसामा के लिए पिता की विरासत बचाना और जीत हासिल करना बड़ी चुनौती बन गया है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal