जयपुर। कैंसर क्षेत्र में नवीनतम शोध, क्लिनिकल प्रैक्टिस के अनुभवों पर चर्चा तथा कैंसर की रोकथाम को अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आईएसओ–आईएसएमपीओ 2025 का शुभारंभ शुक्रवार को महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी, जयपुर में हुआ। यह वार्षिक सम्मेलन इंडियन सोसाइटी ऑफ ऑन्कोलॉजी (ISO) और इंडियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल एंड पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी (ISMPO) के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। आयोजन समिति प्रमुख एवं महात्मा गांधी अस्पताल के वरिष्ठ कैंसर विशेषज्ञ डॉ.
हेमंत मल्होत्रा ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 900 से अधिक कैंसर विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिनमें 300 फैकल्टी सदस्य शामिल हैं। इसके साथ ही आठ देशों के सुप्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ भी अपने अनुभव और अनुसंधान साझा कर रहे हैं। मुख्य वक्ता टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल, मुंबई के निदेशक डॉ. सुदीप गुप्ता ने कहा कि कैंसर उपचार अब अत्यधिक प्रभावी हो गया है। कीमोथेरेपी अब ‘सिस्टमिक थेरेपी’ के रूप में विकसित हो चुकी है, जिसमें दवाओं और इंजेक्शनों के माध्यम से उपचार किया जाता है।
‘टारगेटेड थेरेपी’, इम्युनो थेरेपी और कार-टी सेल थेरेपी जैसी नवीन तकनीकों से लाइलाज रोगियों को भी लाभ मिल रहा है। रेडियोथेरेपी में साइबर नाइफ के माध्यम से शरीर के अंदरूनी हिस्सों में स्थित कैंसर ऊतकों को नष्ट किया जा रहा है तथा स्वस्थ ऊतकों को बचाया जाता है। प्रोटॉन थेरेपी भी उपलब्ध हो चुकी है, यद्यपि अभी इसकी लागत अधिक है। इसी प्रकार, कैंसर सर्जरी में अब केवल प्रभावित हिस्से को ही हटाया जाता है, सम्पूर्ण अंग नहीं। आईएसएमपीओ के अध्यक्ष डॉ. महबूब बसाड़े ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस की थीम है — कैंसर उपचार सबके लिए।
उन्होंने बताया कि अब स्वदेशी दवाओं और इंजेक्शनों के माध्यम से बहुत कम लागत में उपचार आमजन तक पहुंचाया जा रहा है। उद्घाटन सत्र में महात्मा गांधी मेडिकल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. विकास चंद्र स्वर्णकार ने कहा कि महात्मा गांधी अस्पताल में अत्यधिक कैंसर उपचार केंद्र श्रीराम कैंसर सेंटर स्थापित किया गया है।


