समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अखिलेश यादव के बीच कथित मतभेदों की अटकलों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच 45 वर्षों का राजनीतिक और व्यक्तिगत संबंध अटूट है। सितापुर जेल से सितंबर में रिहा होने वाले खान ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “अखिलेश यादव जेल में मुझसे कई बार मिलने आए।
इस परिवार से मेरा 45 साल का नाता है, ऐसे रिश्ते खत्म नहीं होते।” मीडिया में फैलाई जा रही दूरी की खबरों को खारिज करते हुए आजम खान ने कहा कि ये अफवाहें बाहरी लोगों ने गढ़ीं और मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। उन्होंने कहा, “कहानियां आप लोगों (मीडिया) ने बनाईं। आपने हमें इतना बर्बाद दिखाया कि हम खुद भी मानने लगे।” खान ने जोर दिया कि एक मुलाकात या अनुपस्थिति से रिश्ते नहीं टूटते। जेल में बिताए करीब दो साल के कष्टों पर बोलते हुए खान ने कहा कि उनकी जिंदगी की कहानी से अनगिनत किताबें लिखी जाएंगी।
उन्होंने कहा, “मैं खुद एक किताब हूं… मेरे साथ कई किताबें चलती हैं।” साथ ही, यदि सपा सत्ता में लौटी तो बदला नहीं लिया जाएगा, क्योंकि “हम वैसा करेंगे तो उनसे क्या फर्क रहेगा?” आजम खान ने बसपा सुप्रीमो मायावती का भी शुक्रिया अदा किया, जिन्होंने हिंदू युवा वाहिनी के नेता की विवादास्पद टिप्पणी का विरोध किया था। खान ने कहा, “उन्होंने जो कहा, उसके लिए शुक्रिया, लेकिन ऐसे मामलों को नजरअंदाज करना बेहतर है, क्योंकि प्रतिक्रिया देने से गलत इरादों वालों को ऑक्सीजन मिलती है।”


