राजस्थान के बाड़मेर में सर्किट हाउस के निकट इंदिरा सर्कल पर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा को अज्ञात व्यक्तियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही शहर में हड़कंप मच गया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश फैल गया। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का आकलन किया और मामले की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया है। फिलहाल प्रतिमा को अस्थायी रूप से सुधार दिया गया है, लेकिन इस घटना ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है।
बाड़मेर में इंदिरा गांधी की प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने की तीखी निंदा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि “बाड़मेर में देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी जी की मूर्ति खंडित किए जाने की खबर बेहद चिंताजनक है। इंदिरा जी ने भारत की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।
उनके बलिदान दिवस के अगले ही दिन यह घटना होना अत्यंत निंदनीय है।” गहलोत ने आगे कहा कि बाड़मेर पुलिस को ऐसे असामाजिक तत्वों को तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए और भाजपा सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के महान नेताओं की प्रतिमाएं सुरक्षित रहें। घटना के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की भीड़ इंदिरा सर्कल पर एकत्र हो गई। सभी ने प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने की निंदा की और इसे इंदिरा गांधी के अपमान से जोड़ा। कांग्रेसजनों ने बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीना को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई।
साथ ही उन्होंने सर्कल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की अपील भी की। पुलिस का कहना है कि आसपास के क्षेत्रों की फुटेज की जांच की जा रही है और आरोपियों की पहचान जल्द की जाएगी। नगर परिषद पर लापरवाही का आरोप स्थानीय लोगों ने नगर परिषद की लापरवाही पर भी नाराजगी जताई। बताया गया कि सर्किट हाउस के पास स्थित यह सर्कल इंदिरा गांधी की स्मृति में बनाया गया था, जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया था।
शुरुआत में इसका सौंदर्यीकरण किया गया था, लेकिन समय के साथ परिषद की अनदेखी के चलते यह स्थल उपेक्षा का शिकार हो गया। कांग्रेस कार्यकर्ता केवल इंदिरा गांधी की जयंती और पुण्यतिथि पर ही इसकी देखरेख करते हैं। इस घटना के बाद शहर में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, वहीं प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस टीम ने आश्वासन दिया है कि दोषियों की जल्द पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


