बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में वैशाली की महुआ सीट सबसे चर्चित बन गई है। यहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुखिया लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपने नए दल जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के बैनर तले चुनाव मैदान में हैं। 2015 में इसी सीट से पहली बार विधायक बने तेज प्रताप को मई में आरजेडी से निष्कासित कर दिया गया था। अब वे पिता की पसंद मुकेश रोशन (आरजेडी) और एनडीए के संजय कुमार सिंह (लोजपा-रामविलास) को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
तेज प्रताप दिन में अन्य सीटों पर प्रचार करते हैं, लेकिन शाम को हेलिकॉप्टर से महुआ पहुंचकर रोड शो करते हैं। समर्थकों के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री रहते उन्होंने महुआ में सरकारी मेडिकल कॉलेज की इमारत पूरी कराई, जो जल्द शुरू होगी। कई सड़कों का निर्माण भी कराया। इस बार वे इंजीनियरिंग कॉलेज, अंतरराष्ट्रीय खेल स्टेडियम और महुआ को जिला बनाने का वादा कर रहे हैं। उनका चुनाव चिह्न ‘ब्लैक बोर्ड’ शिक्षा का प्रतीक है।
विद्रोह को किनारे करने की कोशिश दूसरी तरफ छोटे भाई तेजस्वी यादव ने रविवार को महुआ में सभा कर भाई के विद्रोह को किनारे करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “चाहे कोई आए या जाए, पार्टी से बड़ा कुछ नहीं। लालूजी ने मुकेश रोशन को टिकट दिया है, किसी को भ्रम नहीं होना चाहिए।” मुकेश रोशन मौजूदा विधायक हैं। तेज प्रताप उन्हें ‘कामचोर’ बता रहे हैं। चिराग पासवान के प्रभाव वाला क्षेत्र 243 सीटों वाले बिहार में पहले चरण की 71 सीटों पर मतदान 6 नवंबर को होगा।
महुआ में जदयू की पूर्व प्रत्याशी अश्मा परवीन निर्दलीय और एआईएमआईएम के बच्चा राय भी मैदान में हैं। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की यह सीट केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के प्रभाव क्षेत्र में आती है। तेज प्रताप का विद्रोह महागठबंधन के वोटों में सेंध लगा सकता है, इसलिए सभी की नजरें यहीं टिकी हैं।


