सोनभद्र: उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ ने राज्य में बिजली कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर एक बार फिर अपनी आवाज बुलंद की है। संघ ने सरकार और निगम प्रबंधन के सामने कई महत्वपूर्ण मांगें रखी हैं, जिनमें हजारों रिक्त पदों को भरना और पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करना शामिल है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि इन मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो कर्मचारी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने को मजबूर होंगे। इन मुद्दों को लेकर संघ नवंबर महीने में ओबरा में एक बड़े अधिवेशन की तैयारी भी कर रहा है।
प्रमुख मांगें: भर्ती और नियमितीकरण कर्मचारी संघ की सबसे बड़ी मांग विभाग में खाली पड़े लगभग 60 हजार पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की है। संघ का कहना है कि कर्मचारियों की कमी के कारण मौजूदा कर्मचारियों पर भारी बोझ पड़ रहा है, जिससे सेवाओं की क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही, संघ ने वर्षों से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है। उनका तर्क है कि इन संविदाकर्मियों को रिक्त पदों पर एडजेस्ट कर उन्हें स्थायी नौकरी का लाभ दिया जाना चाहिए।
पुरानी पेंशन और अन्य सुविधाएं कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, संघ ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) को तत्काल प्रभाव से बहाल करने की मांग की है। यह मांग प्रदेश भर के कई अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी भी लंबे समय से कर रहे हैं। अन्य मांगों में परियोजना क्षेत्र में स्थित अस्पतालों की स्थिति सुधारना भी शामिल है। संघ ने इन अस्पतालों में स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति की मांग की है ताकि कर्मचारियों और उनके परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।
इसके अलावा, कर्मचारियों के लिए बने आवासों की जर्जर स्थिति को देखते हुए उनकी तत्काल मरम्मत कराने पर भी जोर दिया गया है। स्कूलों के निजीकरण का विरोध संघ ने निगम प्रबंधन द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों के निजीकरण का भी कड़ा विरोध किया है। मांग की गई है कि इन स्कूलों का संचालन पहले की तरह निगम द्वारा ही किया जाए, ताकि कर्मचारियों के बच्चों को सस्ती और अच्छी शिक्षा मिल सके।
नवंबर में ओबरा में होगा अधिवेशन अपनी मांगों को और मजबूती से रखने तथा भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ अपना 51वां अधिवेशन आयोजित करने जा रहा है। यह तीन दिवसीय अधिवेशन 6, 7 और 8 नवंबर को ओबरा में होगा, जिसमें प्रदेश भर से कर्मचारी नेता और प्रतिनिधि शामिल होंगे।


