जैसलमेर में घायल कुरजां पक्षी का इलाज शुरू, पर्यावरण प्रेमियों ने उठाई भूमिगत तारों की मांग

Kheem Singh Bhati

जैसलमेर के देगराय ओरण क्षेत्र में बसे छोड़िया ईडेरी तालाब पर सोमवार को एक घायल कुरजां पक्षी (Demoiselle Crane) मिलने से क्षेत्र में वन्यजीव और पर्यावरण प्रेमियों में चिंता का माहौल है। हर साल सर्दियों में आने वाले प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को लेकर यह एक बार फिर गंभीर सवाल खड़ा कर गया है। स्थानीय पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने जब घायल कुरजां के बारे में जानकारी मिली, तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर ही पक्षी को प्राथमिक उपचार दिया और बाद में उसे वन विभाग डाबला रेंज की टीम को सुपुर्द किया।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घायल कुरजां को निगरानी में रखा गया है और उसका इलाज जारी है। पक्षी के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे दोबारा प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया जाएगा। जैसलमेर का देगराय ओरण क्षेत्र कुरजां पक्षियों का पसंदीदा ठिकाना है। हर साल सर्दियों में सैकड़ों की संख्या में कुरजां यहां के तालाबों और ओरणों में प्रवास करती हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हाईटेंशन बिजली की लाइनों से टकराने की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे कई पक्षियों की मौत हो चुकी है।

पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुरजां पक्षियों की उड़ान रेखा और बिजली तारों की ऊंचाई में बहुत कम अंतर होने के कारण ये हादसे लगातार हो रहे हैं। जैसे ही सर्दियां शुरू होती हैं, इन घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है। घायल पक्षी की देखभाल करने वाले पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। हर साल कई कुरजां इन तारों से टकराकर घायल हो जाती हैं या मर जाती हैं। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद और चिंताजनक स्थिति है। सरकार और वन विभाग को अब ठोस कदम उठाने चाहिए।

हाईटेंशन लाइनों को भूमिगत करने या उन पर रिफ्लेक्टर लगाने जैसी व्यवस्थाएं की जानी चाहिए ताकि पक्षियों की जान बचाई जा सके।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में कुरजां की संख्या में भारी गिरावट आ सकती है। देगराय ओरण और आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने भी इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है। ग्रामीणों ने बताया कि कुरजां पक्षी इस क्षेत्र की पर्यावरणीय और सांस्कृतिक पहचान हैं। हर साल इनके आगमन को स्थानीय लोग एक पर्व की तरह मनाते हैं।

ग्रामीणों ने वन विभाग से आग्रह किया कि घायल पक्षी का समुचित इलाज किया जाए और भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। वन विभाग डाबला रेंज के अधिकारी ने बताया, “घायल कुरजां को सुरक्षित स्थान पर रखकर उसका इलाज जारी है। हमारी टीम नियमित निगरानी कर रही है। पक्षी के पूरी तरह स्वस्थ होने पर उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जाएगा।

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