आरएसएस कार्यालय लखनऊ पर आईएसआईएस का हमला करने की योजना

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

अहमदाबाद। गुजरात के गांधीनगर और पालनपुर से गिरफ्तार किए गए तीन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) आतंकियों के बारे में एक के बाद एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। इन गिरफ्तार आतंकियों ने लखनऊ स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कार्यालय और दिल्ली के आजादपुर बाजार की रेकी की थी। तीनों आतंकी सोशल मीडिया के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए और बदला लेना है, कुछ करना है, कई मुसलमानों को इकट्ठा करना है जैसी बातें करते थे।

आतंकी आजाद सुलेमान शेख और मोहम्मद सुहैल ने पहले भी अहमदाबाद के संवेदनशील इलाकों और भीड़भाड़ वाली जगहों की रेकी की थी। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने बीते दिन केंद्रीय एजेंसियों के साथ एक संयुक्त अभियान में अहमदाबाद के पास से आईएसआईएस से जुड़े इन तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया था। ये आतंकी गुजरात और देश भर में बड़े आतंकी हमलों की साजिश रच रहे थे। इनकी पहचान आजाद सुलेमान शेख, मोहम्मद सुहैल और अहमद मोहिउद्दीन सैयद के रूप में हुई।

सूत्रों के अनुसार, ये आतंकी लखनऊ स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय और दिल्ली के भीड़भाड़ वाले आजादपुर बाजार की टोह ले रहे थे। दोनों ही जगहों को आतंकी हमले के संभावित ठिकानों के तौर पर चुना गया था। जांच में पता चला है कि शेख और सुहैल ने राजस्थान के हनुमानगढ़ से हथियार इकट्ठा करके गांधीनगर के एक कब्रिस्तान में छिपा दिए थे। इसी बीच हैदराबाद निवासी मोहिउद्दीन इन हथियारों के साथ लौटने ही वाला था, लेकिन गुजरात एटीएस ने कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।

उसके पास से 4 विदेशी पिस्तौल, 30 कारतूस और 40 लीटर अरंडी का तेल बरामद किया गया। मोहिउद्दीन के मोबाइल फोन की जांच से उसके दो साथियों के संपर्क और पूरे मॉड्यूल की गतिविधियों का पता चला है। इसके बाद, एटीएस ने दो अन्य आतंकियों को गिरफ्तार किया। गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी के अनुसार, अहमद मोहिउद्दीन सैयद एक उच्च शिक्षित व्यक्ति है, जिसने चीन से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है।

वह आईएसआईएस-खुरासान प्रांत के सदस्य अबू खादिम के संपर्क में था, जिसने उसे भारत विरोधी गतिविधियों के लिए धन जुटाने और भर्ती अभियान चलाने का काम सौंपा था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि मोहिउद्दीन साइनाइड से एक जहरीला पदार्थ तैयार करने की कोशिश कर रहा था। एटीएस फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि हथियारों की आपूर्ति कैसे की गई और इस नेटवर्क से जुड़े अन्य स्लीपर सेल कहां सक्रिय हैं?

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