ग्वालियर में अनक्लेम्ड राशि वापस पाने का अवसर

vikram singh Bhati

यदि आप बैंकों में निष्क्रिय खातों में जमा ऐसा धन (अनक्लेम्ड) जो किन्हीं कारणवश निकाल नहीं पाए हैं या फिर बीमा, शेयर, डिविडेंट और म्यूचल फंड की अन्क्लेम्ड राशि भी नहीं निकाल पर है तो परेशां होने की जरुरत नहीं है, यह अनक्लेम्ड राशि प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर आया है। अनक्लेम्ड राशि वापस दिलाने एवं इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये ग्वालियर कलेक्ट्रेट के सभागार में 14 नवम्बर को प्रात: 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक जिला स्तरीय शिविर लगाया जायेगा।

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे “आपकी पूँजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत यह शिविर कलेक्टर रुचिका चौहान एवं राज्य स्तरीय बैंकर्स सलाहार समिति के मार्गदर्शन में जिला अग्रणी बैंक कार्यालय (लीड बैंक) द्वारा लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर जिले के विभिन्न बैंकों में लगभग 2 लाख 77 हजार 336 खातों के अंतर्गत लगभग 125 करोड़ रुपये की राशि अनक्लेम्ड है और इस राशि को राष्ट्रीयकृत किया जा चुका है। पात्र नागरिकों को यह राशि वापस दिलाने के उद्देश्य से जिले में “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत शिविर लगाए जा रहे हैं।

31 दिसंबर तक आयोजित होंगे शिविर लीड बैंक प्रबंधक अमिता शर्मा ने बताया कि इस शिविर में विभिन्न बैंकों, बीमा कंपनियों, पेंशन, म्यूचल फंड तथा अन्य संबंधित संस्थाओं के सदस्य मौजूद रहकर नागरिकों को अपना जमा प्राप्त करने के लिये दावा पत्र भरने एवं दावा प्रक्रिया पूर्ण करने में सहयोग किया जायेगा। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले में “आपकी पूँजी, आपका अधिकार” अभियान के तहत 31 दिसम्बर तक शिविर आयोजित किए जायेंगे।

4 अक्टूबर को वित्त मंत्री शुरू किया अभियान गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 4 अक्टूबर को गुजरात के गांधीनगर में राष्ट्रव्यापी जागरूकता अभियान “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” का शुभारंभ किया। ये अभियान अक्टूबर से दिसंबर तक चलेगा, वित्त मंत्री ने कहा कि इस अभियान का एक सरल लेकिन शक्तिशाली संदेश है कि नागरिकों द्वारा बचाया गया प्रत्येक रुपया उन्हें या उनके परिवारों को वापस मिलना चाहिए।

वित्त मंत्री ने कहा कि अदावाकृत जमा (अनक्लेम्ड राशि), बीमा राशि, लाभांश, म्यूचुअल फंड शेष और पेंशन केवल कागज पर लिखी प्रविष्टियां नहीं हैं, वे सामान्य परिवारों की कड़ी मेहनत से अर्जित बचत है, एक ऐसी बचत जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा में सहायक हो सकती है, इसलिए उसे वापस मिलना चाहिए।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal