योगी सरकार ने किराए पर घर लेने के लिए स्टाम्प शुल्क घटाया

vikram singh Bhati

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किराए पर मकान लेने वाले और देने वाले लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर है। योगी सरकार ने कैबिनेट बैठक में 10 साल तक की अवधि के किरायानामा (Rent Agreement) पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस में बड़ी कटौती को मंजूरी दे दी है। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में किरायेदारी को औपचारिक और पारदर्शी बनाना है। सरकार का मानना है कि इस कदम से मकान मालिक और किरायेदार, दोनों ही रिटन एग्रीमेंट बनवाने और उसे रजिस्टर कराने के लिए प्रोत्साहित होंगे।

इससे न केवल दोनों पक्षों के अधिकार सुरक्षित होंगे, बल्कि भविष्य में होने वाले विवादों में भी कमी आएगी। यह फैसला राज्य में Tenancy Regulation Act को प्रभावी ढंग से लागू करने में भी मदद करेगा। क्यों पड़ी इस बदलाव की जरूरत? वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि मौजूदा नियमों के तहत एक साल से ज्यादा के रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री अनिवार्य है। हालांकि, अक्सर यह देखा गया है कि भारी शुल्क से बचने के लिए लोग या तो मौखिक समझौता करते हैं या फिर लिखित एग्रीमेंट को रजिस्टर नहीं कराते।

ऐसी Unregistered किरायेदारी का खुलासा अक्सर जीएसटी या बिजली विभाग जैसी एजेंसियों की जांच में होता है, जिसके बाद स्टाम्प शुल्क की वसूली के लिए कार्रवाई करनी पड़ती है। सरकार ने महसूस किया कि यदि शुल्क कम होगा तो लोग खुद आगे आकर एग्रीमेंट को कानूनी रूप देंगे। कितना सस्ता हुआ रेंट एग्रीमेंट स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल के अनुसार, अब मैक्सिमम स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्री फीस की एक सीमा तय कर दी गई है। यह शुल्क किराये की अवधि और एवरेज एनुअल रेंट पर निर्भर करेगा।

नई दरें इस प्रकार हैं: ₹2 लाख तक के औसत वार्षिक किराए पर: एक साल तक के लिए शुल्क ₹500, एक से पांच साल के लिए ₹1500 और पांच से दस साल के लिए ₹2000 होगा। ₹2 लाख से ₹6 लाख तक के औसत वार्षिक किराए पर: एक साल तक के लिए शुल्क ₹1500, एक से पांच साल के लिए ₹4500 और पांच से दस साल के लिए ₹7500 तय किया गया है।

₹6 लाख से ₹10 लाख तक के औसत वार्षिक किराए पर: एक साल तक के लिए शुल्क ₹2500, एक से पांच साल के लिए ₹6000 और पांच से दस साल के लिए ₹10,000 होगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह छूट टोल संबंधी पट्टों और खनन पट्टों पर लागू नहीं होगी, ताकि राजस्व का कोई नुकसान न हो। इस छूट का लाभ उठाने के लिए एवरेज एनुअल रेंट की अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये रखी गई है।

इस फैसले से आम जनता को सीधी राहत मिलेगी और वे बिना किसी भारी खर्च के आसानी से अपने रेंट एग्रीमेंट की रजिस्ट्री करा सकेंगे।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal