एनएसई ने 24 करोड़ निवेशक अकाउंट्स के साथ नया मील का पत्थर पार किया

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

पटना : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) ने नवंबर 2025 में एक और बड़ा मुकाम हासिल किया है। एनएसई पर यूनिक ट्रेडिंग अकाउंट्स की संख्या अब 24 करोड़ (240 मिलियन) से ज्यादा हो गई है। पिछले साल अक्टूबर में यह आँकड़ा 20 करोड़ (200 मिलियन) था, यानि महज़ एक साल में एनएसई ने यह उपलब्धि हासिल की है। यूनिक रजिस्टर्ड निवेशकों की संख्या 31 अक्टूबर, 2025 तक 12.2 करोड़ दर्ज की गई है, जो 22 सितंबर, 2025 को 12 करोड़ (120 मिलियन) का आँकड़ा पार कर चुकी थी।

निवेशक अलग-अलग ब्रोकर्स के साथ अपने अकाउंट्स रख सकते हैं, इस प्रकार एक ही व्यक्ति के कई क्लाइंट कोड हो सकते हैं। महाराष्ट्र 4 करोड़ निवेशक अकाउंट्स (17% शेयर) के साथ शीर्ष पर है, इसके बाद उत्तर प्रदेश (2.7 करोड़, 11% शेयर), गुजरात (2.1 करोड़, 9% शेयर), पश्चिम बंगाल (1.4 करोड़, 6% शेयर) और राजस्थान (1.4 करोड़, 6% शेयर) का स्थान आता है। शीर्ष 5 राज्यों के पास कुल निवेशक अकाउंट्स का लगभग 49% हिस्सा है, जबकि शीर्ष 10 राज्यों में यह आँकड़ा 73% से भी ज्यादा है।

महामारी के बाद भारतीय इक्विटी बाजारों में निवेशकों की तेज़ी से बढ़ती भागीदारी को देखते हुए, निवेशक शिक्षा अब पहले से कहीं अधिक जरुरी हो गई है। 30 सितंबर, 2025 तक एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियों में व्यक्तिगत निवेशकों की हिस्सेदारी 18.75% तक पहुँच गई है, जो पिछले 22 वर्षों में सबसे अधिक है। इनमें सीधे निवेश करने वाले और म्यूचुअल फंड के माध्यम से निवेश करने वाले, दोनों तरह के निवेशक शामिल हैं। पिछले पाँच वर्षों में निफ्टी 50 और निफ्टी 500 इंडेक्स ने क्रमशः 15% और 18% की सालाना औसत बढ़त दर्ज की है।

हाल के वर्षों में निवेशकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिससे बाजार में उनका भरोसा और भी मजबूत हुआ है। इसके साथ ही तेज़ डिजिटलाइजेशन, निरंतर नवाचार, बढ़ती मध्यम वर्गीय आबादी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में प्रगतिशील नीतिगत कदमों ने इस विश्वास को और बल दिया है। एनएसई, सेबी और सरकार मिलकर निवेशक जागरूकता और वित्तीय पहुँच को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में एनएसई ने निवेशक शिक्षा के क्षेत्र में अपने प्रयास और तेज़ कर दिए हैं।

सिर्फ वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में ही एनएसई ने 11,875 निवेशक जागरूकता कार्यक्रम (आईएपी) आयोजित किए, जिसमें करीब 6.2 लाख प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जबकि पूरे वित्त वर्ष 25 में यह संख्या 14,679 थी। एनएसई का निवेशक सुरक्षा कोष (आईपीएफ) भी 31 अक्टूबर, 2025 तक सालाना 19% की वृद्धि के साथ 2,719 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। एनएसई के चीफ बिज़नेस डेवलपमेंट ऑफिसर, श्री श्रीराम कृष्णन ने कहा, “भारतीय शेयर बाज़ार में खुदरा निवेशकों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है।

पिछले कुछ सालों में कई मजबूत कदम उठाए गए हैं, जैसे- मोबाइल ट्रेडिंग को आसान बनाना, केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रिया को सरल करना और निवेशकों की जागरूकता बढ़ाना। इन कदमों ने बदलते वैश्विक व्यापार और तेजी से बदलती राजनीतिक परिस्थितियों के बीच भी निवेशकों की लगातार भागीदारी को बनाए रखा है, साथ ही छोटे और मध्यम शहरों, यानि टियर-2, टियर-3 और टियर-4 के निवेशकों के लिए बाजार तक पहुँच को आसान बनाया है।

निवेशकों के पास अब विभिन्न प्रकार के उपकरणों तक पहुँच है, यानि आज के समय में निवेशक इक्विटी, डेब्ट सिक्योरिटीज़, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी), इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इन्वाइट्स), सरकारी बॉंड और कॉर्पोरेट बॉंड जैसे कई विकल्पों में सरलता से निवेश कर सकते हैं। इन सभी प्रयासों का नतीजा है कि इस साल एनएसई ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है कि नवंबर में निवेशक अकाउंट्स की संख्या 24 करोड़ के आँकड़े को पार कर गई है।

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