जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार आगामी 10 दिसम्बर को जयपुर के जेईसीसी में पहले प्रवासी राजस्थानी दिवस का आयोजन करने जा रही है। यह आयोजन विश्वभर में बसे प्रवासी राजस्थानियों को अपनी मातृभूमि से भावनात्मक व विकासात्मक रूप से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पंजीकरण शुरू होते ही देश-विदेश में बसे प्रवासी समुदाय में कार्यक्रम को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री शर्मा का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत दृष्टि से प्रेरित होकर राजस्थान तेज सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसमें प्रवासी राजस्थानियों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य से उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करने और उन्हें निवेश, नवाचार व सामाजिक योगदान के अवसरों से जोड़ने के लिए यह दिवस आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत, लोक-कला, इतिहास और आधुनिक विकसित होते राजस्थान की झलक प्रदर्शित की जाएगी। रंगारंग सांस्कृतिक संध्या प्रवासियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बनेगी।
साथ ही ऊर्जा, पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य और जल संसाधन जैसे क्षेत्रों पर सेक्टोरल सत्र आयोजित होंगे, जिनमें विशेषज्ञ राज्य की संभावनाओं और निवेश अवसरों पर चर्चा करेंगे। पर्यटन में नए एडवेंचर और वॉटर-बेस्ड टूरिज्म, स्वास्थ्य में मेड-टेक और फार्मा, तथा शिक्षा में उत्कृष्टता मॉडल पर विशेष विचार-विमर्श होगा। राजस्थान फाउंडेशन के 26 चैप्टर्स से जुड़े सम्मानित प्रवासी ‘एनआरआर ओपन हाउस’ में अपने अनुभव साझा करेंगे। राज्य सरकार ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए सहभागिता फ्रेमवर्क भी तैयार किया है, जिसमें कर्मभूमि से मातृभूमि जल संरक्षण अभियान, विद्यालय भामाशाह योजना-2025, ज्ञान संकल्प पोर्टल और संस्थानों के नामकरण जैसी पहलें शामिल हैं।
नंदीशाला जन सहभागिता योजना में भी प्रवासी समुदाय को जोड़ने की व्यवस्था की गई है। यह आयोजन प्रवासी राजस्थानियों के लिए अपनी मातृभूमि के विकास में सक्रिय भागीदारी का बड़ा मंच साबित होगा।


