नई दिल्ली। पासपोर्ट सिस्टम को अपग्रेड करते हुए भारत नेक्स्ट जेनरेशन ई-पासपोर्ट को रोलआउट कर रहा है। ये पासपोर्ट कटिंग एज सिक्योरिटी फीचर्स से लैस होगा। इसमें इंटरलॉकिंग माइक्रोलेटर्स, रीलिफ टिंट्स और आरएफआईडी चिप लगी होगी। इस चिप में एन्क्रिप्टेड बायोमैट्रिक्स डेटा और दूसरी जानकारी होंगी। रोलआउट के तहत सभी नए पासपोर्ट्स अब ई-पासपोर्ट होंगे। वहीं मौजूदा नॉन-इलेक्ट्रॉनिक पासपोर्ट्स एक्सपायर डेट तक वैध रहेंगे। सरकार जून 2026 तक पूरी तरह से ई-पासपोर्ट में ट्रांजिट करने की योजना में है। हाई-टेक फीचर्स से लैस होगा नया पासपोर्ट सभी ई-पासपोर्ट रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन चिप और एटिना के साथ आएंगे।
इनमें यूजर्स का बायोमैट्रिक्स और पर्सनल डेटा एन्क्रिप्शन के साथ स्टोर होगा। इसमें यूजर्स की फोटो और फिंगरप्रिंट जैसी डिटेल्स स्टोर होंगी। कॉन्टैक्टलेस डेटा रीडिंग क्षमताओं की वजह से इमिग्रेशन काउंटर पर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया तेज होगी। साथ ही फ्रॉड और टेम्परिंग के मामलों में कमी आएगी। अब तक विदेश मंत्रालय ने 80 लाख ई-पासपोर्ट भारत में जारी कर चुका है। जबकि विदेश स्थित भारतीय मिशनों के माध्यम से 60,000 से अधिक ई-पासपोर्ट जारी किए हैं।
फ्रॉड्स को रोकना होगा आसान विदेश मंत्रालय ने एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए सिस्टम की वजह से पासपोर्ट फ्रॉड के मामलों में कमी आएगी। साथ ही ऐसे मामलों को रोका जा सकेगा, जिसमें एक ही शख्स के पास एक से अधिक पासपोर्ट होते हैं। अगर किसी के पास पहले से पासपोर्ट मौजूद है, तो मौजूदा सिस्टम तुरंत उसे डिटेक्ट कर लेगा। मई 2025 में शुरू हुए पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम वर्जन 2.0 के तहत अब 37 रिजनल पासपोर्ट ऑफिस, 93 पासपोर्ट सेवा केंद्र और 451 पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्र काम कर रहे हैं।
इस प्रोग्राम के ग्लोबल वर्जन जीपीएसपी वी2.0 को 28 अक्टूबर 2025 में लॉन्च किया गया है। इस सिस्टम की वजह से लोगों को बेहतर पासपोर्ट एक्सपीरियंस मिलेगा। नया सिस्टम अक चैटबॉट और वॉयस बॉट एप्लिकेशन के साथ आएगा। बेहतर सिक्योरिटी के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। इस सिस्टम को डीजी लॉकर, आधार और पैन के साथ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए इंटीग्रेट किया जा सकेगा।


