ज्योतिष में ग्रहों, नक्षत्रों और कुंडली का बड़ा महत्व होता है। नौ ग्रहों में खास करके ग्रहों के सेनापति मंगल की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। मंगल ग्रह को साहस, शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है, वे हर 45 दिन में राशि बदलते रहते हैं। चन्द्रमा सबसे तेज गति से चलने वाला ग्रह है जो हर ढ़ाई दिन में एक से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं जिससे वे किसी ना किसी ग्रह से युति करते हैं और योग राजयोग का निर्माण होता है। वर्तमान में मंगल वृश्चिक राशि में विराजमान है।
आज 20 नवंबर गुरूवार को मन के कारक चन्द्रमा भी वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे, ऐसे में वृश्चिक राशि में मंगल और चंद्रमा की युति से महालक्ष्मी राजयोग बनेगा, जिसका प्रभाव 22 नवंबर तक रहेगा, जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित होने वाला है। इस योग में मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है और जीवन में धन, यश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महालक्ष्मी राजयोग से 3 राशियों का भाग्योदय वृश्चिक राशि पर प्रभाव : मंगल चन्द्र की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए अनुकूल साबित हो सकता है।
जीवन में खुशियों की दस्तक हो सकती है। व्यापार में तरक्की के साथ पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। नौकरीपेशा को पदोन्नति के साथ सैलरी हाइक का तोहफा मिल सकता है। आय, साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। लंबे समय से अटके कार्य पूरे होने लगेंगे। मां लक्ष्मी की कृपा से आय के नए स्रोत खुल सकते हैं। तुला राशि पर प्रभाव : मंगल चंद्रमा की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए फलदायी साबित हो सकता है। समय-समय पर आकस्मिक धनलाभ हो सकता है।
आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। भाग्य के साथ परिवार का पूरा साथ मिलेगा। आत्मविश्वास और पराक्रम में वृद्धि होगी। कार्यक्षेत्र में काम की सराहना के साथ ही वेतन वृद्धि के योग बन रहे हैं। संतान की ओर से कोई अच्छी खबर मिल सकती है। इस अवधि में वाहन व प्रॉपर्टी आदि खरीद सकते हैं। कन्या राशि पर प्रभाव : चंद्रमा- मंगल की युति और महालक्ष्मी राजयोग जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। आय में वृद्धि के योग बनेंगे और नए नए स्त्रोत खुलेंगे।
लंबे समय से रुके व अटके काम पूरे होंगे। स्वास्थ्य अच्छा जाने वाला है। आत्मविश्वास में तेजी से वृद्धि हो सकती है। जीवन में खुशियां की दस्तक हो सकती है। आकस्मिक धन लाभ के भी योग बन रहे हैं। इस अवधि में कोई शुभ समाचार भी मिल सकता है। आप अपने शत्रुओं पर विजय पा सकते हैं। कब बनता है महालक्ष्मी राजयोग ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लग्न कुंडली में जब मंगल और चंद्रमा एक साथ विराजमान हो तो महालक्ष्मी योग का निर्माण होता है।
मंगल और चंद्रमा की युति जब कुंडली में द्वितीय, नवम, दशम और एकादश भाव में हो रही हो तब अपार धन लाभ देता है। ज्योतिष में इस योग को बेहद शक्तिशाली माना जाता है। महालक्ष्मी योग से धन, दौलत, सुख, समृद्धि, और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी हमेशा कृपा बरसाती हैं। समाज में मान-सम्मान मिलता है।


