विवाह पंचमी पर भगवान राम और सीता की पूजा के विशेष उपाय

Jaswant singh

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेता युग में इसी दिन भगवान श्री राम ने मिथिला नरेश जनक की पुत्री माता सीता से विवाह किया था। इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन उनका विवाह हुआ था, इसलिए इसे बहुत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन व्रत और कीर्तन करने से वैवाहिक जीवन में आने वाली समस्याएं दूर हो जाती हैं।

कुछ विशेष उपाय करने से प्रभु श्री राम और माता सीता की कृपा प्राप्त होती है। यदि आप चाहते हैं कि आपका विवाह जल्दी हो या विवाह में आ रही बाधाएं दूर हों, तो विवाह पंचमी के दिन व्रत अवश्य करें। विधि विधान के साथ भगवान श्री राम और माता सीता की पूजा करें। इस दिन राम सीता का विवाह कराना भी शुभ माना गया है। सुखी दांपत्य जीवन के लिए यदि आप चाहते हैं कि आपके वैवाहिक जीवन में चल रहा तनाव, अनबन या मतभेद समाप्त हो जाए, तो विवाह पंचमी का दिन बहुत शुभ है।

यदि ऐसी समस्याएं हैं, तो सीता जी और भगवान राम की पूजा कर श्री राम रक्षा स्त्रोत का पाठ करें। सच्चे मन से की गई पूजा और प्रतीकात्मक रूप से राम सीता का विवाह सांसारिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है। इस दिन ॐ जानकी वल्लभाय नमः का जाप भी अवश्य करें। जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए यदि आप चाहते हैं कि जीवन में हमेशा सकारात्मकता बनी रहे और नकारात्मकता का प्रवेश न हो, तो इस दिन गोस्वामी तुलसीदास के अमर और दिव्य ग्रंथ रामचरितमानस का पाठ अवश्य करें।

उल्लेख के अनुसार, इसी दिन तुलसीदास जी ने अपने ग्रंथ की रचना को पूर्ण किया था। जो व्यक्ति इसका पाठ करता है, उसके जीवन से सभी विकार दूर हो जाते हैं।

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Jaswant singh Harsani is news editor of a niharika times news platform