नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में बढ़ते मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मौसमी बीमारियों को लेकर भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि सरकार को दिल्लीवालों की फिक्र नहीं है। एमसीडी में विपक्ष के नेता अंकुश नारंग ने द्वारा जारी साप्ताहिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा सरकार को दिल्लीवालों की सेहत की कोई फिक्र नहीं है। मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाने के कारण मलेरिया के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली में मलेरिया के केस ने पांच साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
पिछले एक सप्ताह में 33 नए केस आए हैं। उनका सुझाव है कि भाजपा सरकार भी ‘आप’ सरकार की तरह जागरूकता अभियान चलाए ताकि मौसमी बीमारियों पर काबू पाया जा सके। आम आदमी पार्टी के नारंग ने कहा कि जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार आई है, मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे, तब 10 हफ्ते तक हर रविवार को सुबह 10 बजे 10 मिनट का एक अभियान चलता था। इस अभियान का मकसद डेंगू के प्रति जागरूकता फैलाना था।
लोगों को पता चलता था कि मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू का मौसम आ चुका है। इस वजह से सभी को सतर्क रहना होगा और जरूरी कदम उठाने होंगे। उस दौरान लोग अपने घरों में पानी की जांच करते थे। नारंग ने कहा कि पिछले दो हफ्तों से मलेरिया के मामले पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा हैं। इस हफ्ते मामलों की संख्या 297 पहुंच गई है, जबकि पिछले हफ्ते यह संख्या 264 थी। यानी 33 नए मामले बढ़ गए। इस रिपोर्ट की सटीकता पर भी संदेह है। भाजपा हमेशा आंकड़े दबाने की कोशिश करती है।
सभी जगहों से सही आंकड़े इकट्ठा नहीं किए जाते। इस बार मई-जून से ही फॉगिंग शुरू करवानी पड़ी, जबकि पहले सितंबर, अक्टूबर या नवंबर में फॉगिंग होती थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस साल मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। नारंग ने अधिकारियों द्वारा ड्रोन से दवाइयों का छिड़काव करने की बात पर कहा कि यह बात हास्यास्पद है। ये रेलवे ट्रैक के आसपास दवा छिड़कने की बात करते हैं, लेकिन वहां तो झुग्गियां उजाड़ दी गई हैं। फिर वहां दवा किसके लिए छिड़की जा रही है?
दिल्ली में कई जगह पानी भरा हुआ है, कई घरों में बाढ़ की वजह से मच्छर और बढ़ रहे हैं, लेकिन इसे नियंत्रित करने में सरकार नाकाम है। भाजपा को शासन चलाना नहीं आता। दिल्ली की जनता को मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू से सुरक्षित रखने के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है।


