कोलकाता, 29 मई ()। आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने 26 मई की शाम को तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हुए हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है और इस सिलसिले में एक और कुर्मी नेता को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य पुलिस सूत्रों ने कहा कि इस मामले में ताजा गिरफ्तारी निशिकांत महतो की हुई है, जो राज्य में कुर्मी आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। कुर्मी समुदाय के लोगों के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं।
पुलिस के सूत्रों ने कहा कि निशिकांत कुर्मी नेता राजेश महतो का दाहिना हाथ है।
राजेश महतो, जो पश्चिम बंगाल के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक भी हैं, को बनर्जी के काफिले पर हमले के तुरंत बाद दूर स्थानांतरित कर दिया गया था और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। अब निशिकांत की गिरफ्तारी के साथ, राजनीतिक पर्यवेक्षकों को लगता है, आने वाले दिनों में कुर्मी मुद्दा और अधिक गंभीर रूप लेने वाला है, क्योंकि कुर्मी नेता पहले ही इस मुद्दे पर बड़े आंदोलन की धमकी दे चुके हैं।
इस बीच पश्चिम बंगाल में भाजपा नेतृत्व ने इस मुद्दे पर कुर्मी नेताओं को पूरा समर्थन दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने कहा, अगर राज्य सरकार को लगता है कि वे कुर्मी समुदाय के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं, तो पश्चिम बंगाल के जंगलमहल इलाके में आदिवासी बहुल इलाकों में आग लग जाएगी।
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने घोषणा की है कि वह इस मुद्दे पर कुर्मी नेताओं को पूर्ण कानूनी सहायता प्रदान करने को तैयार हैं।
अधिकारी ने कहा, रेजेश महतो का तबादला और फिर उनकी गिरफ्तारी प्रतिशोध की राजनीति के इरादे से की गई। हमारा पूरा समर्थन उनके पीछे है।
अधिकारी ने कहा, आधी रात को जारी आदेश से और वह भी स्कूलों की गर्मी की छुट्टी के दौरान, स्पष्ट संकेत है कि वर्तमान राज्य सरकार कितनी बदले की भावना से काम कर रही है।
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