चित्तौड़गढ़ परिवहन कार्यालय में एसीबी की छापेमारी से मचा हड़कंप

Tina Chouhan

चित्तौड़गढ़। जैसलमेर में हुए बस हादसे के बाद शुरू हुई जांच अब चित्तौड़गढ़ के परिवहन विभाग तक पहुंच गई है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुरुवार को प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में अचानक छापा मारकर कई दस्तावेज जब्त किए। यह कार्रवाई लगभग चार घंटे तक चली, जिसके दौरान पूरे कार्यालय परिसर में हड़कंप मच गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विक्रम सिंह राठौड़ का अचानक जयपुर मुख्यालय में तबादला कर दिया गया।

जैसलमेर बस हादसे की जांच में बस का पंजीयन चित्तौड़गढ़ परिवहन कार्यालय में होने की जानकारी के बाद बुधवार को कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह गहलोत और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नीलाल नागदा को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि गुरुवार शाम तक निलंबन आदेश चित्तौड़गढ़ कार्यालय नहीं पहुंचे थे। मामले में एसीबी के एएसपी विक्रम सिंह ने बताया कि यह जांच की जा रही है कि किन अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए बस मालिक को लाभ पहुंचाया।

मापदंडों पर खरी नहीं उतरने के बावजूद बस की फिटनेस और पंजीयन कैसे जारी किया गया, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। गुरुवार सुबह एएसपी विक्रम सिंह अपनी टीम के साथ आरटीओ कार्यालय पहुंचे। टीम ने बस से संबंधित सभी फाइलें और अन्य पंजीयन दस्तावेज जब्त किए। सूत्रों के अनुसार, इन दस्तावेजों में कुछ ऐसे रजिस्ट्रेशन भी मिले, जिनमें नियमों को ताक पर रखकर अन्य बसों को भी अनुचित रूप से अनुमति दी गई थी। कर्मचारी और अधिकारी एक से दूसरे कमरे तक चक्कर लगाते रहे।

कार्रवाई के कुछ ही घंटों के बाद चित्तौड़गढ़ एसीबी के एएसपी विक्रम सिंह राठौड़ का तबादला जयपुर मुख्यालय कर दिया गया। उनकी जगह उदयपुर एसीबी के एएसपी अनंत कुमार को चित्तौड़गढ़ का चार्ज सौंप दिया गया। बताया गया कि 19 सितंबर को बस मालिक ने जिला परिवहन अधिकारी नीरज शाह से संपर्क किया था। शाह ने बस के कागजों पर टिप्पणी करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी और कुछ दिन के बाद छुट्टी पर चले गए। उनके अवकाश के दौरान कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह गहलोत ने बस का रजिस्ट्रेशन पूरा कर दिया।

एसीबी की कार्रवाई के बाद पूरा परिवहन विभाग सवालों के घेरे में है।

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