उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा अब और सरल होने जा रही है। केंद्र सरकार ने बुंदी से गर्ब्यांग के बीच 5.4 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की स्वीकृति दे दी है। इस सुरंग के निर्माण से यात्रा का मार्ग 22 किलोमीटर छोटा होगा और यात्रा का समय भी काफी कम हो जाएगा। यह परियोजना कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश यात्रा मार्ग को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगी। इस परियोजना की लागत 1600 करोड़ रुपये है और यह सीमांत क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी। सुरंग छियालेख की पहाड़ी पर बनाई जाएगी।
वर्तमान में इस क्षेत्र की सड़कें बहुत खराब स्थिति में हैं, जिससे बड़े वाहनों का गुजरना कठिन है। बारिश के दौरान सड़कें अक्सर मलबा गिरने से बंद हो जाती हैं। सुरंग के निर्माण से ये समस्याएं समाप्त होंगी और यात्रा सालभर सुगम और सुरक्षित हो जाएगी। धारचूला से लिपुलेख तक सड़क का 90% कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन छियालेख का हिस्सा अभी भी चुनौती बना हुआ है, जहां तीखी ढलानें और खतरनाक मोड़ हैं। सुरंग के निर्माण से इन मोड़ों से बचाव होगा और यात्रा में आने वाली प्राकृतिक बाधाएं काफी हद तक दूर होंगी।
यह सुरंग न केवल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए, बल्कि सैन्य दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मार्ग चीन और नेपाल की सीमा के पास से गुजरता है, जहां सेना, आईटीबीपी और एसएसबी की तैनाती है। सुरंग बनने के बाद सुरक्षा बलों की आवाजाही तेज़ और आसान होगी, जिससे सीमा प्रबंधन और निगरानी क्षमता मजबूत होगी। गर्ब्यांग, गुंजी, नाबी और कुटी जैसे छह दूरस्थ गांवों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। अब उन्हें बाजार, स्कूल और अस्पताल तक पहुंचने में आसानी होगी।
इसके साथ ही आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ेगी, जिससे सीमांत इलाकों में धार्मिक पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। भूमि अधिग्रहण के लिए 137 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत राशि प्रभावित परिवारों को दी जा चुकी है।


