दिल्ली: भारत ने अपनी नई पीढ़ी की अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से दागी गई। इस मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर है, और इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) ने मिलकर लॉन्च किया है। इस परीक्षण को पूरी तरह से ऑपरेशनल परिस्थितियों में अंजाम दिया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस सफलता ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जो रेल नेटवर्क से इस तरह के हथियार प्रणाली को लॉन्च करने की क्षमता रखते हैं। आइए जानते हैं कि अग्नि प्राइम मिसाइल को इतना खास क्यों माना जा रहा है। 1. कैनिस्टराइजेशन: तेज और सुरक्षित लॉन्चकैनिस्टराइजेशन यानी मिसाइल को एक सीलबंद कंटेनर में रखा जाता है, जिसमें इसे स्टोर और लॉन्च दोनों किया जा सकता है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी वजह से मिसाइल को तैयार करने में लगने वाला समय बहुत कम हो जाता है। एक तरफ जहां कई मिसाइलों को लॉन्चिंग के लिए तैयार करने में ही काफी वक्त लग जाता है, वहीं अग्नि प्राइम कुछ ही मिनटों में तैयार हो सकती है। इसके अलावा, कैनिस्टराइजेशन मिसाइल को पर्यावरणीय नुकसान (जैसे बारिश, धूल, या गर्मी) से बचाता है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखता है। यह सुविधा भारत को तुरंत जवाबी कार्रवाई करने की ताकत देती है, जो युद्ध जैसे हालात में बहुत जरूरी है। 2.
रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर: कहीं से भी लॉन्च करने की सुविधाअग्नि प्राइम की एक और खास बात है इसका रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर। इस मिसाइल को खास तौर पर डिजाइन किए गए रेल-लॉन्चर से दागा जा सकता है, जो देश के रेल नेटवर्क पर बिना किसी खास तैयारी के कहीं भी जा सकता है। इसका मतलब है कि मिसाइल को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना और वहां से लॉन्च करना बेहद आसान है। यह खासियत दुश्मनों के लिए मिसाइल का पता लगाना बहुत मुश्किल कर देती है।
चूंकि यह रेल नेटवर्क पर कहीं भी हो सकती है, इसलिए दुश्मन को यह अनुमान लगाना मुश्किल होगा कि मिसाइल कहां तैनात है। यह भारत को एक रणनीतिक बढ़त देता है, क्योंकि ऐसी गतिशीलता (मोबिलिटी) मिसाइल को सुरक्षित और प्रभावी बनाती है। 3. स्ट्रैटेजिक एम्बिग्यूटी: दुश्मन को उलझन में रखने की ताकतस्ट्रैटेजिक एम्बिग्यूटी यानी रणनीतिक अस्पष्टता, अग्नि प्राइम की सबसे बड़ी ताकत है। कैनिस्टराइजेशन और रेल-आधारित मोबिलिटी का मेल यह सुनिश्चित करता है कि दुश्मन को मिसाइल की सटीक लोकेशन का कभी पता न चले।
यह भारत की सेकेंड-स्ट्राइक क्षमता यानी कि दूसरी बार जवाबी हमला करने की ताकत को और मजबूत करता है। यानी अगर कोई दुश्मन भारत पर हमला करता है, तो अग्नि प्राइम की यह खासियत सुनिश्चित करती है कि भारत तुरंत और प्रभावी ढंग से जवाब दे सके। इसकी गतिशीलता और तेज लॉन्च की क्षमता इसे एक ऐसा हथियार बनाती है, जिसका मुकाबला करना दुश्मन के लिए मुश्किल होगा। अग्नि प्राइम मिसाइल में और क्या-क्या है खास?रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अग्नि प्राइम में स्वतंत्र लॉन्च क्षमता के साथ-साथ अत्याधुनिक संचार प्रणाली (कम्युनिकेशन सिस्टम) और सुरक्षा तंत्र (प्रोटेक्शन मैकेनिज्म) भी हैं।
इस मिसाइल की उड़ान के रास्ते को विभिन्न ग्राउंड स्टेशनों द्वारा ट्रैक किया गया, और यह एक टेक्स्टबुक लॉन्च था, यानी सभी मिशन उद्देश्यों को पूरी तरह से हासिल किया गया। यह पहला मौका था जब अग्नि प्राइम को रेल-आधारित लॉन्चर से दागा गया। इस सफलता ने भविष्य में रेल-आधारित सिस्टम को सेना में शामिल करने का रास्ता खोल दिया है। इसके अलावा, अग्नि प्राइम का रोड मोबाइल वेरिएंट पहले ही सेना में शामिल हो चुका है, जिसका मतलब है कि यह मिसाइल सड़क और रेल दोनों के जरिए लॉन्च की जा सकती है।
अग्नि प्राइम मिसाइल के बारे में क्या बोले राजनाथ सिंह?रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को भारत की रक्षा क्षमता में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह सफल परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करता है, जो रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड मिसाइल लॉन्च करने की तकनीक रखते हैं। यह न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करता है। हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य तनाव के बाद यह परीक्षण और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
अग्नि प्राइम की यह खासियत कि यह कहीं से भी, जल्दी और गुप्त रूप से लॉन्च हो सकती है, भारत को किसी भी खतरे का जवाब देने के लिए तैयार रखती है। इस तरह देखा जाए तो अग्नि प्राइम न सिर्फ एक मिसाइल है, बल्कि भारत की रक्षा रणनीति में एक नया अध्याय है, जो देश की सुरक्षा को और मजबूत बनाता है।


