अग्नि प्राइम मिसाइल की विशेषताएँ और भारत की सुरक्षा

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

दिल्ली: भारत ने अपनी नई पीढ़ी की अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, जो रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से दागी गई। इस मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर है, और इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमांड (SFC) ने मिलकर लॉन्च किया है। इस परीक्षण को पूरी तरह से ऑपरेशनल परिस्थितियों में अंजाम दिया गया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस सफलता ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जो रेल नेटवर्क से इस तरह के हथियार प्रणाली को लॉन्च करने की क्षमता रखते हैं। अग्नि प्राइम मिसाइल की तीन खासियतें इसे शक्तिशाली बनाती हैं और भारत की रक्षा रणनीति को मजबूत करती हैं। 1. कैनिस्टराइजेशन: तेज और सुरक्षित लॉन्च। कैनिस्टराइजेशन यानी मिसाइल को एक सीलबंद कंटेनर में रखा जाता है, जिससे इसे स्टोर और लॉन्च दोनों किया जा सकता है।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी वजह से मिसाइल को तैयार करने में लगने वाला समय बहुत कम हो जाता है। अग्नि प्राइम कुछ ही मिनटों में तैयार हो सकती है। इसके अलावा, कैनिस्टराइजेशन मिसाइल को पर्यावरणीय नुकसान से बचाता है और इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखता है। यह सुविधा भारत को तुरंत जवाबी कार्रवाई करने की ताकत देती है। 2. रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर: कहीं से भी लॉन्च करने की सुविधा। अग्नि प्राइम की एक और खास बात इसका रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर है।

इसे खास तौर पर डिजाइन किए गए रेल-लॉन्चर से दागा जा सकता है, जो देश के रेल नेटवर्क पर बिना किसी खास तैयारी के कहीं भी जा सकता है। यह खासियत दुश्मनों के लिए मिसाइल का पता लगाना बहुत मुश्किल कर देती है। 3. स्ट्रैटेजिक एम्बिग्यूटी: दुश्मन को उलझन में रखने की ताकत। अग्नि प्राइम की सबसे बड़ी ताकत रणनीतिक अस्पष्टता है। कैनिस्टराइजेशन और रेल-आधारित मोबिलिटी का मेल यह सुनिश्चित करता है कि दुश्मन को मिसाइल की सटीक लोकेशन का कभी पता न चले। यह भारत की सेकेंड-स्ट्राइक क्षमता को मजबूत करता है।

अग्नि प्राइम में स्वतंत्र लॉन्च क्षमता के साथ-साथ अत्याधुनिक संचार प्रणाली और सुरक्षा तंत्र भी हैं। यह पहला मौका था जब अग्नि प्राइम को रेल-आधारित लॉन्चर से दागा गया। इसके अलावा, अग्नि प्राइम का रोड मोबाइल वेरिएंट पहले ही सेना में शामिल हो चुका है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को भारत की रक्षा क्षमता में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह सफल परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करता है, जो रेल नेटवर्क से कैनिस्टराइज्ड मिसाइल लॉन्च करने की तकनीक रखते हैं।

यह न सिर्फ भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाता है, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की रणनीतिक स्थिति को भी मजबूत करता है।

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