अखिलेश यादव का सरकार पर कड़ा जवाब, बोले- झूठ बोलने से गरिमा गिरती है

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मेट्रो संचालन को लेकर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिए बगैर पलटवार करते हुए कहा कि जिसका प्रमाण सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और जनता ने साक्षात अनुभव किया हो, उसके बारे में इतना बड़ा झूठ नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि सफ़ेद झूठ बोलने से व्यक्ति की गरिमा भी गिरती है और उन सभी पदों की प्रतिष्ठा और मान-मर्यादा भी जिन पर वह बैठता है।

शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि “आज तो झूठ भी अपने आप को लज्जित महसूस कर रहा होगा। इतना बड़ा झूठ नहीं बोलना चाहिए कि इंसान औरों की ही नहीं अपनी निगाह में भी गिर जाए। सफ़ेद झूठ बोलने से व्यक्ति की गरिमा भी गिरती है और उन सभी पदों की प्रतिष्ठा और मान-मर्यादा भी जिन पर वह बैठता है।

सत्ता का ऐसा भी क्या लालच कि उस बात को झूठ बताना जिसके प्रमाण हर तरह से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं और जनता ने जिसका ख़ुद साक्षात अनुभव किया हो। इतना बड़ा झूठ बोलना तभी संभव होता है, जब व्यक्ति या तो चेतना खो दे या सच्चाई या अपने आदर्श और सत्य के संस्कार। ऐसे महाझूठ वक्ता दरअसल अपने लोगों को महामूर्ख समझते हैं। वे मानते हैं कि उनके अनुयायी उनकी हर बात को सच ही मानेंगे लेकिन ऐसा होता नहीं है।

भाजपा और उनके संगी-साथियों और वाहिनीवादियों की सोच ही यही है कि झूठ बोलकर अपने लोगों को ठगो। आज तो भाजपाई गुट के वे सब लोग शर्म से ज़मीन में गड़ गए होंगे जो ऐसे लोगों के लिए हर तर्क-कुतर्क से बाज नहीं आते थे और इनकी ईमानदारी की गारंटी देते थे।” अखिलेश यादव ने कहा कि “अपनी नहीं तो पद की गरिमा का ही मान रखिए।

वैसे उनसे सच की उम्मीद करना बेकार है जो महाकुंभ जैसे पावन और धार्मिक अवसर पर सनातनी हिंदुओं की मृत्यु पर झूठ बोलने का घोर पाप कर चुके हैं।” गौरतलब है कि एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हम लोग जब आए थे तो यूपी के अंदर एक भी सिटी में मेट्रो रेल का संचालन नहीं होता था, आज छह शहरों में हो रहा है।

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