नई दिल्ली, 2 जून ()। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मजबूत सेना न सिर्फ सरहद की सुरक्षा करती है बल्कि देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था की भी रक्षा करती है।
रक्षा मंत्री ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, हमारा लक्ष्य एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अपनी जरूरतों के साथ-साथ मित्र देशों की आवश्यकताओं को भी पूरा करे। यह पुनर्जागरण का काल है। यह भारत को वैश्विक महाशक्ति के रूप में फिर से स्थापित करने का समय है।
रक्षा मंत्री ने कहा, भारत न केवल एक उभरती हुई बल्कि फिर से मजबूत हो रही शक्ति है जो वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर दोबारा अपनी जगह बना रहा है।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहते हुए की कि 17वीं शताब्दी तक भारत की अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय रूप से मजबूत थी, जो दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद में एक-चौथाई से ज्यादा हिस्सेदारी रखती थी। लेकिन कमजोर सेना और राजनीतिक दासता के कारण इसने अपना गौरव खो दिया। सिंह ने जोर देकर कहा कि सरकार इन दोनों मोर्चो पर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत अपनी पुरानी गौरवपूर्ण स्थिति को पुन: प्राप्त करे।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों का निर्माण करने वाले मजबूत रक्षा उद्योग की मदद से एक मजबूत, युवा और तकनीक-प्रेमी सशस्त्र बल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है,। साथ ही औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा पाने के प्रयास भी जारी हैं।
मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2013 में भारत को फ्रेजाइल 5 अर्थव्यवस्थाओं में नामित करने वाले निवेश फर्म ने हाल ही में कहा कि देश 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।
राजनाथ सिंह ने देश के आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए कई सुधारों का उल्लेख किया। इनमें प्रत्यक्ष कर सुधार, जीएसटी और कारोबार की आसानी बढ़ाने के कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आया है और विदेशी निवेशक आज भारत को एक आकर्षक गंतव्य के रूप में देखते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हथियारों और प्रौद्योगिकियों के निर्माण में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। प्रमुख निर्णयों में सशस्त्र बलों की ओर से 411 वस्तुओं की चार सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना और डीपीएसयू के लिए 4,666 वस्तुओं की चार अन्य सूचियों के अलावा उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना शामिल है।
सरकार के प्रयासों के कारण प्राप्त सकारात्मक परिणामों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन और लगभग 16,000 करोड़ रुपये का सर्वकालिक उच्च रक्षा निर्यात रक्षा क्षेत्र की बड़ी प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए स्टार्टअप फ्रेंडली इकोसिस्टम ने देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न का निर्माण किया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण क्षेत्र में भी स्टार्टअप की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
राजनाथ सिंह ने एक विकसित भारत की भी कल्पना की जो यह सुनिश्चित करे कि दुनिया भर में लोकतंत्र, धार्मिक स्वतंत्रता, गरिमा और विश्व शांति जैसे सार्वभौमिक मूल्य स्थापित हों।
उन्होंने कहा, साथ मिलकर हम एक ऐसे भारत का सपना देखें जहां लोगों में राष्ट्र निर्माण की समान भावना हो, जहां सभी भारतीय बिना किसी भेदभाव के एक साथ काम करें। आइए हम एक ऐसे भारत का सपना देखें जहां लोगों को उनकी जाति और धर्म से नहीं, बल्कि उनके ज्ञान और चरित्र से आंका जाए। जहां हर भारतीय को मानवाधिकार मिले और वे अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्ध हों। आइए हम एक ऐसे भारत का सपना देखें जो खुद की रक्षा करने के लिए काफी मजबूत हो और दुनिया में कहीं भी किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए तैयार हो।
एकेजे
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