अमित बघेल पर आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में केस दर्ज

vikram singh Bhati

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रमुख अमित बघेल के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। उन पर अग्रवाल और सिंधी समाज के महापुरुषों- महाराजा अग्रसेन और भगवान झूलेलाल के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है। अग्रवाल महासभा रायपुर के अध्यक्ष विजय कुमार अग्रवाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मंगलवार देर शाम सिटी कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। मामला धार्मिक भावनाएं भड़काने और सामाजिक वैमनस्य फैलाने से जुड़ा बताया जा रहा है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अमित बघेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए के तहत केस दर्ज किया गया है। यह शिकायत 26 अक्टूबर को तेलीबांधा इलाके में हुई एक घटना से जुड़ी है, जहां छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने के बाद अमित बघेल ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कथित रूप से विवादित बयान दिया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियों से अग्रवाल और सिंधी समाज की धार्मिक एवं सामाजिक भावनाएं आहत हुईं।

शिकायत में कहा गया है कि भारत सरकार ने महाराजा अग्रसेन के सम्मान में डाक टिकट जारी किया है, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार स्थापना दिवस पर “महाराजा अग्रसेन पुरस्कार” देती है। ऐसे में इन महापुरुषों के प्रति आपत्तिजनक शब्द कहना अस्वीकार्य है। अग्रवाल महासभा ने आरोप लगाया कि बघेल की मंशा समाज में वैमनस्य फैलाने और शांति भंग करने की थी। फिलहाल पुलिस ने बयान और वीडियो साक्ष्यों की जांच शुरू कर दी है। दरअसल, रविवार को रायपुर के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति तोड़े जाने के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई थी।

छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और जोहर छत्तीसगढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस घटना को “राज्य की अस्मिता पर हमला” बताया और विरोध प्रदर्शन किया। इसी दौरान अमित बघेल ने सवाल उठाया कि महाराजा अग्रसेन, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय की मूर्तियां क्यों नहीं तोड़ी जातीं, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। उधर, पुलिस ने मूर्ति तोड़ने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है। वहीं, अमित बघेल ने एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें गिरफ्तारी या सजा से कोई डर नहीं है।

उन्होंने कहा, “मैं अपनी मिट्टी और अपने लोगों के सम्मान के लिए लड़ता रहूंगा। चाहे मुझे जेल भेजें या फांसी पर चढ़ा दें, मैं नहीं रुकूंगा। हम संविधान और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal