अमित शाह ने हुड्डा के नेतृत्व वाली हरियाणा की पूर्व कांग्रेस सरकार को 3डी के लिए शासन करार दिया

Sabal SIngh Bhati
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Sabal SIngh Bhati - Editor
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सिरसा (हरियाणा), 18 जून ()। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को हरियाणा में अगले साल होने वाले लोकसभा और फिर राज्य विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को 3डी के लिए
शासन करार देते हुए आड़े हाथों लिया।

नरेंद्र मोदी सरकार की 9 वर्षो की उपलब्धियां जनता के बीच ले जाने के लिए शुरू किए गए जनसंपर्क अभियान के तहत सिरसा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, पहला डी दरबारी, दूसरा डी दिल्ली के दामाद और तीसरा डी डीलर, यानी हुड्डा सरकार इन्हीं तीन डी के लिए समर्पित थी। भाजपा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी ने तीनों डी को खत्म कर दिया है।

अमित शाह ने केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल के कार्यकाल के साथ पिछली कांग्रेस सरकार के 10 साल के कार्यकाल की तुलना करते हुए कहा, कांग्रेस के शासन में 12 लाख करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ, लेकिन विपक्ष मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा सकता।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के ये नौ साल भारत के गौरव के नौ साल, गरीब कल्याण के नौ साल, भारत की प्रगति के नौ साल हैं। कोविड के बाद पूरी दुनिया मंदी की चपेट में है। लेकिन मोदी जी की नीतियों के कारण मंदी भारत में दस्तक नहीं दे पाई है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने लोगों से मोदी सरकार को एक और मौका देने की अपील करते हुए कहा कि राज्य को समग्र विकास के लिए मोदी-मनोहर डबल इंजन सरकार की जरूरत है।

शाह ने हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा, हुड्डा साहब, आपकी सरकार कई साल (2004 से 2014 तक) चली, आपने सीधे किसानों को 6 हजार रुपये नहीं भेजे। मनोहर लाल खट्टर भावांतर योजना लाए, आप भावांतर योजना नहीं लाए। आपने किसानों के लिए कोई काम नहीं किया है।

जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने लोगों से हाथ जोड़कर वोट मांगा। उन्होंने दावा किया कि हुड्डा ने केवल रोहतक के विकास पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन मनोहर लाल खट्टर ने पूरे राज्य का विकास सुनिश्चित किया।

रिपोर्ट के अनुसार, शाह ने मुख्यमंत्री खट्टर के साथ सिरसा में गुरुद्वारा चिल्ला साहिब में मत्था टेका। सरकार ने राज्य में रैली से पहले किसी भी तरह के विरोध को रोकने के लिए कस्बे में सुरक्षा बढ़ा दी थी।

कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कम से कम दो दर्जन आईपीएस अधिकारियों और 3,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था, क्योंकि किसान नेताओं और उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करने की धमकी दी थी। हालांकि, कुछ किसानों ने अपने आवासों पर काले झंडे लहराए।

हरियाणा विधानसभा चुनाव अगले साल लोकसभा चुनाव के बाद होने हैं। भाजपा ने 2019 में राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।

एफजेड/

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