जयपुर। लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े अमित शर्मा ने अपराध के माध्यम से चल-अचल सम्पत्ति इकट्ठी की है। इस सम्पत्ति की जांच स्थानीय श्रीगंगानगर पुलिस द्वारा शुरू की गई है। अमित शर्मा का भाई श्रीगंगानगर में निवास करता है, जबकि उसकी दो बहनें पंजाब में ब्याही हैं। इनकी सम्पत्ति की भी जांच की जा रही है। धारा 111 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। एजीटीएफ और सीबीआई की संयुक्त कार्रवाई और अमेरिका से डिपोर्टेशन की प्रक्रिया जारी है। आर्थिक सहायता देने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
इन पर बीएनएस की धारा 111 के तहत संगठित अपराध को बढ़ावा देने के आरोप में प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। रोहित गोदारा गैंग को इसी ने शरण दी थी। एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि अमित शर्मा 2021 से फरार है। जब रोहित गोदारा यहां से भागा, तो अमित ने उसे शरण दी और रहने-खाने की व्यवस्था की। इसके बाद गैंग के कई सदस्य विदेशों में बैठकर पूरे नेटवर्क को संचालित करने लगे। अमित शर्मा उर्फ जैक पंडित ने कई वारदातें करवाई हैं। 29 अप्रैल 2022 को श्रीगंगानगर में फिरौती के लिए फायरिंग की गई।
अमित ने लॉरेंस विश्नोई से संपर्क कर अमोद कुमार भगत के घर पर फायरिंग करवाई और हथियार भी उपलब्ध करवाए। 26 जनवरी 2022 को अवैध हथियार की बरामदगी हुई, जिसमें जसप्रीत सिंह उर्फ अमु से अवैध पिस्टल बरामद की गई थी। 20 जनवरी 2024 को उम्मेद कुमार से 6 पिस्टल और 84 कारतूस बरामद हुए, जो गोल्डी बराड़ के आदमियों को सप्लाई किए जाने थे। सुनील शर्मा की हत्या की साजिश भी रची गई थी। अनमोल विश्नोई, आरजू विश्नोई और अमित पंडित ने हत्या की योजना बनाई थी।
अमित पंडित और उसके रिश्तेदारों के पास अर्जित सम्पत्ति की जानकारी जुटाई जा रही है। यदि किसी परिचित या रिश्तेदार के पास अपराध से कमाई गई सम्पत्ति होती है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। अमृता दुहन, एसपी श्रीगंगानगर


