मूक पशुओं की सेवा सबसे बड़ी सेवा: राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े

Kheem Singh Bhati
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मूक पशुओं की सेवा सबसे बड़ी सेवा: राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े

उदयपुर। राजस्थान के माननीय राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने कहा कि मूक पशुओं की सेवा सबसे बड़ी सेवा है। मनुष्य को शारीरिक कष्ट होने पर वह बोल कर चिकित्सक को अपनी पीड़ा बता सकता है, लेकिन पशु नहीं बोल सकते। पशु चिकित्सा सेवा से जुड़े कार्मिक व विद्यार्थियों के लिए यह कड़ी चुनौती है, फिर भी वे उनकी सेवा करते हैं, यह प्रशंसनीय और वंदनीय कार्य है।

माननीय राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े शनिवार को उदयपुर जिले के वल्लभनगर क्षेत्र स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया में विकास कार्यों के शिलान्यास समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। बागड़े ने कहा कि राजस्थान में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यह ऐसा व्यवसाय है जिससे आम गरीब व्यक्ति जुड़ा हुआ है। राज्य सरकारें पशुपालन और डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं संचालित करती हैं।

माननीय राज्यपाल ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि वे भी कई सालों तक पशुपालन और दूग्ध उत्पाद संघ से जुड़े रहे। उन्होंने देसी नस्ल के पशुओं की प्रशंसा करते हुए उनके संवर्धन और संरक्षण पर जोर दिया। हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि अब प्रतिस्पर्धा और विशेषज्ञता का युग है। पहले के दौर में सिर्फ पढ़ा लिखा होना पर्याप्त था, लेकिन अब इससे काम नहीं चल सकता। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे पूरी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करें और अपने विषय में विशेषज्ञता हासिल करें।

पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया में विकास कार्यों का शिलान्यास करते माननीय राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े एवं अन्य अतिथिगण।
पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय नवानिया में विकास कार्यों का शिलान्यास करते माननीय राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े एवं अन्य अतिथिगण।

राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने महाविद्यालय ने कई निर्माण कार्य का वर्चुअल शिलान्यास किया।

इससे पूर्व माननीय राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने महाविद्यालय में अतिथि गृह, महाविद्यालय की चारदीवारी तथा महाविद्यालय परिसर के शिव मंदिर से जोरजी का खेड़ा तक सड़क निर्माण कार्य का वर्चुअल शिलान्यास किया। साथ ही महाविद्यालय की पुस्तिका का विमोचन भी किया।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के पशुपालन, डेयरी, गोपालन एवं देवस्थान विभाग मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि राजस्थान में मानव आबादी के बराबर लगभग साढे़ 7 करोड़ पशुधन है। राज्य सरकार पशुधन को स्वस्थ रखने के लिए चिकित्सा सुविधाओं में लगातार विस्तार कर रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मोबाइल वेटनरी यूनिट संचालित की है, जिससे पशुपालकों को घर बैठे बीमार पशुओं के उपचार की सुविधा मिल रही है।

इसके अलावा मंगला पशु बीमा योजना में दुधारू पशुओं का बीमा किया जा रहा है। गोपालन कार्ड योजना में पशुपालकों को 1 लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कार्यक्रम को चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने भी संबोधित किया। वल्लभनगर विधायक उदयलाल डांगी भी बतौर अतिथि मंचासीन रहे।

प्रारंभ में राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित व महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो बलवंत मेश्राम ने माननीय राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े सहित अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत उद्बोधन देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति दीक्षित ने विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय की गतिविधियों से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन डॉ अभिषेक गौरव व डॉ ममता ने किया।

आभार अभिष्ठाता डॉ बलवंत मेश्राम ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ शरद अरोड़ा, एनएससी एएनओ डॉ सनवीर खातुन, महाविद्यालय के डॉ टीकम गोयल, डॉ गोवर्द्धन, डॉ सुनील अरोड़ा, डॉ महेंद्र मील, डॉ तरूण प्रीत सहित अधिकारी-कर्मचारी, महाविद्यालय स्टॉफ, विद्यार्थीगण एवं आमजन उपस्थित रहे।

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