बैंगलोर। कोई भी बच्चा भूखा होकर स्कूल न जाए, इसके लिए ग्रामीण भारत के स्कूली बच्चों के लिए देश के सबसे बड़े मॉर्निंग न्यूट्रिशन प्रोग्राम की शुरुआत अन्नपूर्णा ट्रस्ट ने की है, जिसकी परिकल्पना मधुसूदन साईं ने की है। ट्रस्ट प्रतिदिन लाखों बच्चों को पौष्टिक और संतुलित सुबह का नाश्ता उपलब्ध कराता है। इसके साथ ही, यह स्कूलों के सहयोग से बच्चों के समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे शिक्षा के साथ मानव मूल्यों का भी पोषण हो सके। हर बच्चे को दूध में साईश्योर नामक पौष्टिक सप्लीमेंट दिया जाता है।
वर्तमान में, यह पहल एक करोड़ से अधिक बच्चों तक पहुंच रही है और भविष्य में 10 करोड़ बच्चों की सेवा करने की आकांक्षा रखती है। मधुसूदन साईं ने इस पहल के अभूतपूर्व विकास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमने एक स्वयंसेवक और 50 बच्चों के साथ शुरुआत की थी और अब यह एक विशाल नेटवर्क बन गया है। उन्होंने देश की विविध आबादी के भरण-पोषण में सभी का योगदान देने का आग्रह करते हुए कहा कि हमें उन समस्याओं का समाधान करना होगा जो हमने खुद पैदा की हैं।
मॉर्निंग न्यूट्रिशन प्रोग्राम के तहत देश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में स्कूल प्रार्थना के बाद हर बच्चे को दूध में मिलाकर साईश्योर नामक पौष्टिक सप्लीमेंट दिया जाता है। साईश्योर, वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया एक पोषक तत्वों से भरपूर मिश्रण है, जो दूध या पानी में मिलाने पर बच्चे की पचास फीसदी अनुशंसित दैनिक आवश्यकता को पूरा करता है। इससे बच्चों की वृद्धि, सीखने की क्षमता और रोग प्रतिरोधक क्षमता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
यह कार्यक्रम 1.47 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में चलाया जा रहा है और अब यह मिशन इंडोनेशिया, थाईलैंड, नाइजीरिया, मलावी, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों तक फैल चुका है। इस सरल किंतु प्रभावशाली पहल ने न केवल बच्चों की उपस्थिति, एकाग्रता और शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाया है, बल्कि शिक्षकों के उत्साह और सामुदायिक भागीदारी को भी बढ़ाया है।


