प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस की उपेक्षा के कारण अरुणाचल प्रदेश और पूरा नॉर्थ ईस्ट दशकों तक विकास से वंचित रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2014 के बाद इस सोच को बदलते हुए पूर्वोत्तर को विकास की प्राथमिकताओं के केंद्र में रखा। मोदी ने यहां 5025 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, हमारे अरुणाचल प्रदेश में सूर्य की किरण सबसे पहले आती हैं, लेकिन विकास की किरण यहां पहुंचने में कई दशक लग गए।
कांग्रेस के समय दिल्ली में बैठे लोग सोचते थे कि यहां सिर्फ दो लोकसभा सीटें हैं, तो ध्यान क्यों दिया जाए। यही कांग्रेस की सोच थी, जिसने नॉर्थ ईस्ट को बहुत पीछे धकेल दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा का मंत्र वोट या सीटों की संख्या नहीं, बल्कि राष्ट्र प्रथम है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार ने सीमावर्ती और पिछड़े इलाकों को बदले नजरिए से देखा। जिन्हें कांग्रेस ने लास्ट विलेज और बैकवर्ड डिस्ट्रिक्ट कहा, उन्हें हमने फर्स्ट विलेज और अस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट बनाया।
इसी बदली सोच का नतीजा है कि आज वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम सीमावर्ती इलाकों का जीवन आसान बना रहा है। प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा को तीन कारणों से विशेष बताया: नवरात्रि के अवसर पर हिमालय की गोद में पूजा का सौभाग्य, नेक्स्टजेन जीएसटी सुधार और अरुणाचल को 5025 करोड़ की परियोजनाओं की सौगात। उन्होंने कहा कि नवरात्रि के पहले दिन हम मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं। इन पहाड़ों के बीच रहकर अपनी भक्ति अर्पित करना सचमुच दिव्य अनुभूति है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट को भाजपा सरकार अष्टलक्ष्मी मानती है और इसके विकास के लिए केंद्र सरकार लगातार अधिक धन खर्च कर रही है। कांग्रेस की उपेक्षा से हुए नुकसान की भरपाई अब तेजी से की जा रही है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट भारत की समृद्धि का द्वार है और केंद्र सरकार इसे विकास का नया इंजन बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले दस वर्षों में अरुणाचल प्रदेश को केंद्र से एक लाख करोड़ रुपये की सहायता दी गई है, जो कांग्रेस शासन की तुलना में 16 गुना अधिक है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस शासन में अरुणाचल प्रदेश को दस साल में सेंट्रल टैक्स में से केवल 6,000 करोड़ रुपये मिले थे, जबकि भाजपा सरकार ने दस वर्षों में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं। मोदी ने कहा कि उन्हें पता था कि दिल्ली में बैठकर पूर्वोत्तर का विकास नहीं हो सकता। इसलिए उन्होंने अपने मंत्रियों और अधिकारियों को यहां लगातार भेजा, ताकि समस्याओं का समाधान जमीन पर जाकर किया जा सके। इस अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल केटी परनायक, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।


