जोधपुर सेंट्रल जेल में रेप केस में आजीवन उम्रकैद की सजा काट रहे संत आसाराम बापू को लेकर एक महत्वपूर्ण खबर आई है। राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम बापू को मेडिकल आधार पर 6 महीने की अंतरिम जमानत दी है। बिगड़ती सेहत और चिकित्सा उपचार के कारण उन्हें यह जमानत मिली है। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आसाराम को इलाज के लिए जमानत देने का निर्णय लिया। वर्तमान में उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
आसाराम बापू ने अपनी बिगड़ती सेहत का हवाला देते हुए कोर्ट में नियमित जमानत की अर्जी दी थी। हालांकि, अदालत ने स्थायी राहत नहीं दी, बल्कि चिकित्सा कारणों से अंतरिम जमानत को मंजूरी दी है ताकि वे उपचार जारी रख सकें। अब आसाराम 6 महीने के लिए जेल से बाहर आएंगे। यह जमानत उन्हें दूसरी बार मिली है। इससे पहले जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने भी आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर मार्च के अंत तक अंतरिम जमानत दी थी।
उस समय कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि वह जमानत के दौरान किसी गवाह या सबूत से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और न ही अपने अनुयायियों से मुलाकात करेंगे। आसाराम बापू को दो बार दिल का दौरा पड़ चुका है और वह कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। आसाराम बापू जेल में क्यों हैं? साल 2013 में उन पर गुजरात की एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का आरोप लगा था, जिसके बाद उन पर मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। 2018 में जोधपुर कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।
इसके अलावा, दो महीने बाद आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर गुजरात के सूरत में उनके आश्रम में दो बहनों से रेप के आरोप में केस दर्ज किया गया।


