मौसम में बदलाव से अस्थमा और सांस के मरीजों की बढ़ी दिक्कत

Tina Chouhan

जयपुर। बदलते मौसम, गुलाबी सर्दी और दीपावली के त्योहार के कारण इन दिनों घरों-दफ्तरों में साफ सफाई के दौरान निकलने वाली डस्ट के कारण शहर में अस्थमा-एलर्जी के साथ ही सांस संबंधी मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। धूल, धुआं और ठंडी हवाओं के कारण एलर्जिक जुकाम, खांसी और अस्थमा के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शहर के एसएमएस सहित सेटेलाइट, कांवटिया, गणगौरी सहित निजी पल्मोनरी विशेषज्ञों के पास भी ऐसे मरीजों की संख्या में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है।

इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज: विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार छींक आना, बार बार जुकाम लगना, नाक से पानी बहना, आंखों और नाक में खुजली, नाक बंद रहना ये एलर्जिक राइनाइटिस के प्रमुख लक्षण हैं। इसके साथ कई मरीजों में कान दर्द, भारीपन, गले में खराश, आवाज में भारीपन और सांस लेने में तकलीफ जैसी दिक्कतें भी बढ़ रही हैं। धूल उड़ने से अस्थमा के रोगियों में सूखी खांसी और सांस फूलने की शिकायत आम हो गई है।

बरतें ये सावधानियांइन दिनों शुरुआती ठंड में सुबह और शाम की हल्की ठंड से बचें, हल्के गर्म कपड़े पहने।अस्थमा-एलर्जी से पीड़ित लोग सुबह बहुत जल्दी टहलने न जाएं, सूरज निकलने के बाद ही बाहर निकलें, मास्क पहनें।धूल और धुएं से बचें, सफाई के समय मुंह और नाक को ढ़कने वाला मास्क पहनें।झाड़ू से सूखी सफाई करने के बजाय गीले कपड़े या पोछे का प्रयोग करें।पर्दे, बेडशीट, चादरें और कालीन झाड़ने की बजाय पानी से धोएं या वैक्यूम क्लीनर से साफ करें।घर में वेंटिलेशन बनाए रखें, खिड़कियां खुली रखें।पुराने और सीलन वाले सामानों को धूप में रखें ताकि नमी और फंगस के कण नष्ट हो सकें।

लापरवाही ना बरतें, बचाव ही है बेहतर उपायइन दिनों मौसम में बदलाव आ गया है। गुलाबी ठंड का असर शुरू हो गया है। घरों में साफ सफाई का दौर भी चल रहा है। ऐसे में अस्थमा, एलर्जिक जुकाम, खांसी और सांस संबंधी तकलीफें लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। इन लक्षणों को अनदेखा न करें। लक्षण महसूस होते ही सावधानी बरतें और तकलीफ बढ़ रही है तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। -डॉ. निष्ठा सिंह, वरिष्ठ अस्थमा एवं श्वांस रोग विशेषज्ञ।

Share This Article