अतीक अहमद के सहयोगी अब्दुल कवि का लखनऊ कोर्ट में आत्मसमर्पण

Sabal SIngh Bhati
By Sabal SIngh Bhati - Editor

लखनऊ, 6 अप्रैल ()। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 2005 के विधायक राजू पाल हत्याकांड में नाम आने के बाद 18 सालों से फरार चल रहे शार्पशूटर अब्दुल कवि ने लखनऊ सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। सीबीआई के एक वकील ने पुष्टि की कि अतीक के सहयोगी अब्दुल कवि ने आत्मसमर्पण कर दिया था और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। कवी के सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था।

प्रयागराज जोन के अतिरिक्त महानिदेशक (डीजी) भानु भास्कर ने कहा, पुलिस की कई टीमों द्वारा कवि का देश भर में पीछा करने के बाद दबाव के आगे झुकते हुए, उसने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस की 15 टीमों ने मुंबई, पुणे, हैदराबाद, रायपुर, सतना, कटनी, जबलपुर, प्रयागराज, जालौन, चित्रकूट, श्रावस्ती, मेरठ और सहरानपुर में तलाशी ले रही थीं।

डीजी ने कहा कि कवि के भाई, बहन, बहनोई और अन्य सहित परिवार के 19 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक महीने में उसके रिश्तेदारों और सहयोगियों के 28 शस्त्र लाइसेंस रद्द किए गए।

मार्च के पहले सप्ताह में, कवि के बड़े भाई अब्दुल कादिर को कौशाम्बी पुलिस ने अपने घर में अवैध हथियार रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

सराय अकील थाना क्षेत्र के भाकंडा गांव में कवि के घर पर छापेमारी के दौरान कौशांबी पुलिस ने एक रायफल, चार देसी पिस्तौल, कई जिंदा कारतूस और दीवारों में छिपाकर रखे गए दो चाकू बरामद किए थे।

इस सिलसिले में पांच महिलाओं समेत 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

एफआईआर में नामित लोगों में अब्दुल कवि, उनके पिता अब्दुल गनी, कवि की पत्नी कनीज फातिमा, भाई अब्दुल कादिर और अन्य शामिल हैं।

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