अयोध्या। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या एक बार फिर ऐतिहासिक और धार्मिक भव्यता की मिसाल बनने जा रही है। दीपावली से पूर्व आयोजित होने वाले दीपोत्सव को इस बार और भी दिव्य और अद्भुत स्वरूप देने की तैयारी जोरों पर है। विशेष आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं राम की पैड़ी पर बन रहे छह विशालकाय दीपक, जो इस आयोजन को एक नई पहचान देंगे। बिहार के कुशल शिल्पकारों द्वारा इन पत्थर के दीपों का निर्माण किया जा रहा है। ये दीपक बिजली से प्रज्वलित करने की तकनीक से भी लैस होंगे।
निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है और इन्हें 10 अक्टूबर तक पूरा करने की समयसीमा तय की गई है, जिससे दीपोत्सव में ये आकर्षण का केंद्र बन सकें। इन दीपों को विशेष रूप से इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये अयोध्या में होने वाले भव्य दीपोत्सव का स्थायी प्रतीक बन जाएं। हालांकि, बिजली से जलाने के लिए आवश्यक प्रोजेक्टरों की स्थापना फिलहाल समय की कमी के चलते संभव नहीं दिख रही है, इसलिए उच्चस्तरीय चर्चा के बाद इन्हें फिलहाल तेल से प्रज्वलित किए जाने की योजना बनाई जा रही है।
राम की पैड़ी का हो रहा भव्य सौंदर्यीकरणइन दीपों के निर्माण के साथ-साथ राम की पैड़ी का भी भव्य सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। यूपीपीसीएल द्वारा करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से सीढि़यों, घाटों और आसपास की संरचनाओं को सजाया जा रहा है। यह क्षेत्र न केवल धार्मिक महत्त्व रखता है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और आभार का केंद्र भी है। इस बार पैड़ी के किनारे ऐसी सीढि़यां बनाई जा रही हैं जिन्हें ओपन थियेटर के रूप में भी उपयोग किया जा सकेगा। इससे भविष्य में सांस्कृतिक और धार्मिक प्रस्तुतियों के लिए स्थायी मंच उपलब्ध होगा।
हालांकि, कुछ निर्माण कार्य जैसे छत्री, राम-लक्ष्मण-सीता के स्तंभ दीपोत्सव से पूर्व पूर्ण नहीं हो पाएंगे, लेकिन इन्हें उत्सव के बाद पूरा किया जाएगा। ये है खास प्लान इस बार का दीपोत्सव 2025 नए विश्व रिकॉर्ड बनाएगा, क्योंकि, दीपोत्सव में 26 लाख से ज्यादा मिट्टी के दीये जलाए जाएंगे। 2,100 श्रद्धालुओं द्वारा भव्य आरती की जाएगी। साथ ही साथ 1,100 ड्रोन से हवाई प्रदर्शन भी होगा। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने अधिकारियों और कार्यान्वयन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि दीपोत्सव 2025 अब तक का सबसे भव्य उत्सव बने।


