अमेरिका में भारतीय मूल के कारोबारी बंकिम ब्रह्मभट्ट पर करोड़ों डॉलर (लगभग 40 अरब रुपये) की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। अमेरिका की प्रमुख निवेश कंपनी ब्लैकरॉक और अन्य लेंडर्स ने उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने फर्जी वित्तीय दस्तावेज बनाकर भारी रकम उधार ली और उसका गलत उपयोग किया। यह मामला वर्तमान में अमेरिकी कॉर्पोरेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। अमेरिकी एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं। यदि धोखाधड़ी साबित होती है, तो ब्रह्मभट्ट के खिलाफ अमेरिका और भारत दोनों में कार्रवाई की जा सकती है।
ब्लैकरॉक और अन्य लेंडर्स ने कहा है कि वे अपने नुकसान की भरपाई के लिए सभी कानूनी उपाय करेंगे। बंकिम ब्रह्मभट्ट दूरसंचार कंपनियों ब्रॉडबैंड टेलीकॉम और ब्रिजवॉइस के मालिक हैं, जो बैंकाई ग्रुप का हिस्सा हैं। बैंकाई ग्रुप खुद को वैश्विक टेलीकॉम टेक्नोलॉजी लीडर बताता है, जो मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों और इंटरनेट कंपनियों को कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशन प्रदान करता है। ब्रह्मभट्ट का नाम अब तक मीडिया में कम ही चर्चा में आया था। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल हाल ही में हटा दी गई है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, वे बैंकाई ग्रुप के प्रेसिडेंट और सीईओ हैं और पिछले 20 वर्षों से टेलीकॉम इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मभट्ट ने कथित तौर पर फाइनेंसिंग व्हीकल्स का जाल बिछाया था, जिसमें Caryox Capital और BB Capital SPV जैसी कंपनियां शामिल थीं। इन कंपनियों ने ब्लैकरॉक की सहायक फर्म HPS Investment Partners के नेतृत्व वाले समूह से 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,200 करोड़ रुपये) का कर्ज लिया था। लेंडर्स का आरोप है कि ब्रह्मभट्ट ने इस कर्ज के बदले में फर्जी दस्तावेज जमा किए।
उन्होंने ग्राहकों की नकली इनवॉइस तैयार कीं और उन्हें अकाउंट्स रिसीवेबल यानी देय रकम के रूप में पेश किया। इन्हीं फर्जी रिसीवेबल्स को गिरवी रखकर उन्होंने बड़ी रकम का लोन लिया। बंकिम ब्रह्मभट्ट ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। उनके वकील का कहना है कि यह मामला तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि कंपनी का वित्तीय ढांचा पारदर्शी है और सभी लेनदेन कानूनी रूप से दर्ज किए गए हैं। ब्रह्मभट्ट ने एक बयान में कहा, “मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे और भ्रामक हैं।
हमारी कंपनी हमेशा अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करती रही है। यह मामला जल्द ही साफ हो जाएगा।” रिपोर्ट्स के अनुसार, बंकिम ब्रह्मभट्ट वर्तमान में भारत में हैं। न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में उनके दफ्तर हाल के महीनों से बंद पड़े हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जब ब्लैकरॉक से जुड़े अधिकारी जुलाई में उनके दफ्तर पहुंचे, तो वहां सन्नाटा था। न दरवाजे खुले थे, न लाइटें जल रही थीं। पास के किरायेदारों ने बताया कि उन्होंने महीनों से किसी को अंदर जाते नहीं देखा।
इस मामले के सामने आने के बाद अमेरिकी निवेश जगत में हलचल मच गई है। ब्लैकरॉक और अन्य फंड्स अब कोर्ट के जरिए रकम वसूलने की कोशिश कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यह केस अमेरिका के प्राइवेट-क्रेडिट सेक्टर में भरोसे को बड़ा झटका दे सकता है, जहां लोन अक्सर बिना ज्यादा सार्वजनिक ऑडिट के जारी किए जाते हैं। एक वित्तीय विश्लेषक ने कहा, “अगर यह मामला सच साबित होता है, तो यह दिखाता है कि कैसे तकनीक और वित्त के मेल से बने बिजनेस मॉडल्स में पारदर्शिता की कमी अभी भी एक बड़ी समस्या है।”


