चेन्नई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को चेन्नई में आयोजित सिटी यूनियन बैंक के 120 वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुईं। समारोह की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के दौरान बैंकिंग क्षेत्र की उपलब्धियों और संभावनाओं पर विचार प्रकट किये। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और बैंकिंग उद्योग देश के विकास की गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बैंकों की भूमिका वित्तीय लेन-देन से कहीं आगे तक विस्तृत हो गई है।
आज बैंक केवल धन के संरक्षक नहीं, बल्कि वे विविध वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं। वे समावेशी और सतत विकास में भी सहायक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि सशक्त आर्थिक परिदृश्य में लोगों की आकांक्षाएं व्यापक रूप से बढ़ी हैं। देश के विकास के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक वित्तीय समावेशन है, जिसका अर्थ यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक की किफायती वित्तीय सेवाओं तक पहुंच हो।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सिटी यूनियन बैंक जैसे अन्य बैंक भी अपनी बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील देश में, एक बड़ी आबादी अभी भी ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहती है, जहां बैंकिंग तक सीमित पहुंच है। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सिटी यूनियन बैंक ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है।
राष्ट्रपति ने कहा कि बैंक और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां वंचित समुदायों के लिए उपयोगकर्ताओं के अनुकूल मोबाइल ऐप, सूक्ष्म ऋण और बीमा उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं। पेमेंट बैंक, डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट ने वित्तीय सेवाओं को दूर-दराज के गांवों तक पहुंचाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों का सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमारे बैंकिंग क्षेत्र की प्राथमिकता होनी चाहिए। समय पर और किफायती ऋण उपलब्ध कराकर वित्तीय जागरूकता प्रदान करके तथा कृषि-तकनीकी पहलों को समर्थन देकर बैंक कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाने में मदद कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे हमारी डिजिटल और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है, डिजिटल परिवर्तन और उद्यमिता में बैंकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण होती जा रही है। स्टार्टअप से लेकर स्मार्ट शहरों तक, ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें बैंक मदद कर सकते हैं। बैंक एक विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं।


