भण्डेड़ा। बांसी जीएसएस (ग्रिड सब स्टेशन) लंबे समय से रखरखाव के अभाव में बदहाल स्थिति में है। परिसर में झाड़-झंखाड़ और बबूल के पेड़ों ने पूरे विद्युत तंत्र को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है। बिजली गुल रहना अब आम बात हो गई है, जबकि कर्मचारियों को बिना आवश्यक सुरक्षा सामग्री के ही काम करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार जीएसएस परिसर में चारदीवारी और सुरक्षा जालियां होने के बावजूद भारी मात्रा में झाड़ियां उग चुकी हैं।
हवा के तेज वेग से बबूल की टहनियां अक्सर तारों से टकराती हैं, जिससे परिसर में आग लगने और विद्युत आपूर्ति बाधित होने का खतरा बना रहता है। तीन ब्रेकरों पर संचालित बीजंता, भण्डेड़ा और डोडी फीडर लंबे समय से डायरेक्ट चल रहे हैं। इनमें से किसी एक फीडर में तकनीकी खराबी आने पर तीनों को बंद करना पड़ता है, जिससे हजारों उपभोक्ता प्रभावित होते हैं। मुख्य 33 केवी स्विच भी काफी समय से खराब है, जिसके कारण कई बार आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।
यहां कार्यरत निजी कर्मचारियों के पास पेचकस, पिलायर, इस्पैनर सेट जैसी आवश्यक सामग्री तक नहीं है। रात्रि के समय इन्हीं हालात में उन्हें बिजली चालू-बंद करनी पड़ती है। परिसर में लगा नलकूप तीन माह से खराब है, जिससे पीने के पानी और अर्थिंग दोनों की समस्या बनी हुई है। अर्थिंग में पानी की कमी से ट्रांसफार्मर विस्फोट और 11 केवी करंट के ओवरफ्लो का भी खतरा मंडरा रहा है। किसान अब कृषि सीजन में थ्री फेज बिजली की आस लगाए हैं, लेकिन जीएसएस की मौजूदा स्थिति देख आशंका है कि निर्धारित समय पर बिजली आपूर्ति मुश्किल होगी।
क्षेत्रवासियों ने विभाग से तत्काल रखरखाव कर सुरक्षा इंतजाम सुधारने की मांग की है। इनका कहना है कि बांसी जीएसएस के बंद नलकूप को चालू करने के लिए हमारे सिविल डिपार्टमेंट को अवगत कराया जा चुका है। वह आकर चालू करेंगे। बंबूलो को हटाने के लिए भी विद्युत जीएसएस पर रहने वाले लड़कों से बोलता हूं। -सुनिल सामरिया, जेईएन, जयपुर विद्युत विभाग ग्रामीण, देई।


