मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग 29 अक्टूबर बुधवार को सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाले छह लाख से अधिक विद्यार्थियों का बेसलाइन आकलन करेगा। यह आकलन सामान्य परीक्षा नहीं है, बल्कि क्षमता-आधारित मूल्यांकन है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों का आकलन रटे हुए तथ्यों के बजाय विषयों की मूल अवधारणाओं की समझ और उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग करने की क्षमता के आधार पर करना है। शासन इस प्रक्रिया को तीसरे पक्ष द्वारा संपन्न करवा रहा है, जिससे मूल्यांकन की निष्पक्षता और विश्वसनीयता बनी रहे।
इस आकलन के लिए लोक शिक्षण संचालनालय को केन्द्र सरकार की कंपनी ‘EdCIL India’ का सहयोग प्राप्त होगा। इसका प्रमुख उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी की वर्तमान शैक्षणिक स्थिति और उनकी सीखने की कमजोरियों का पता लगाना है। आकलन से यह जानने का प्रयास होगा कि विद्यार्थी वास्तव में कितना सीख और समझ पाए हैं। इस आकलन की विशेषता यह है कि यह केवल समस्याओं की पहचान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि परिणामों के आधार पर विद्यार्थियों को उनकी कमजोरियों को दूर करने के लिए विशेष उपचारात्मक शिक्षण सामग्री और सहायता भी प्रदान की जाएगी।
इससे शिक्षण-अधिगम की प्रक्रिया में सुधार होगा और हर बच्चे को उसकी जरूरत के अनुसार शैक्षणिक सहायता मिल सकेगी। लोक शिक्षण संचालनालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह आकलन डाटा-आधारित नीति निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि हमारे शिक्षण कार्यक्रमों में कहाँ सुधार की आवश्यकता है ताकि सभी विद्यार्थी न केवल परीक्षाओं में बल्कि जीवन में भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें। यह आकलन ईक्विप-लेप योजना के अंतर्गत किया जा रहा है, जिससे प्रदेश के शैक्षिक परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव आने की संभावना है।


