नई दिल्ली, 26 जनवरी ()। दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि उसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनएसयू) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दोनों से क्रॉस शिकायतें मिली हैं। (जेएनयू) कैंपस में मंगलवार रात जेएनएसयू के सदस्यों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री देखने के दौरान उन पर पत्थरों से हमला किया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्हें जेएनयूएसयू और एबीवीपी से क्रॉस शिकायतें मिली हैं, जिन पर गौर किया जा रहा है, इसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दो छात्रों ने आरोप लगाया है कि जेएनयू छात्र संघ के सदस्यों ने उन्हें परेशान किया और मारपीट की। हालांकि, जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने दावों को खारिज कर दिया।
घोष ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्यों ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री देखने वाली एक सभा पर पत्थर फेंके और दोनों एबीवीपी सदस्यों को परेशान नहीं किया गया।
जेएनयूएसयू के बैनर तले छात्रों के एक वर्ग ने मंगलवार रात 9 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए पर्चे बांटे थे। बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कई छात्र जेएनयू छात्र संघ कार्यालय में एकत्र हुए थे।
हालांकि, मंगलवार को जेएनयूएसयू कार्यालय में बिजली का कनेक्शन काट दिया गया और छात्रों ने कहा कि जब उन पर पथराव किया गया तो वे अपने सेलफोन पर वृत्तचित्र देख रहे थे।
स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष के छात्र और एबीवीपी सदस्य गौरव ने दावा किया कि जेएनयूएसयू के सदस्यों ने उन पर हमला किया, हालांकि उन्होंने उन पर पथराव नहीं किया।
विश्वविद्यालय ने पहले कहा था कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी।
इस बीच, एबीवीपी की जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि छात्रों का संगठन डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोकने के निर्देशों का स्वागत करता है।
उन्होंने कहा, बीबीसी फर्जी एजेंडे के साथ वृत्तचित्र बनाकर भारत की छवि खराब करने का काम कर रहा है।
केंद्र सरकार ने पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रधानमंत्री और देश के खिलाफ दुष्प्रचार करार दिया था।
एसजीके