साल का आखिरी पड़ाव यानी नवंबर-दिसंबर, घूमने-फिरने का सबसे बेहतरीन वक्त होता है। सर्द हवा, धूप की गर्माहट और लंबी ड्राइव का रोमांच सब कुछ एक साथ मिलता है। अगर आप भी इस सीजन में कहीं रोड ट्रिप का प्लान बना रहे हैं, तो भारत के ये 5 रास्ते आपकी बकेटलिस्ट में जरूर होने चाहिए। चाहे पहाड़ों का सुकून चाहिए, रेगिस्तान की रौनक या समुद्र किनारे का सुकून हर मूड के लिए यहां एक परफेक्ट रूट मौजूद है।
तो आज के आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे, जिसे जानकर आप खुद को वहां जाने से रोक नहीं पाएंगे। तो इस बार घूमने के लिए इन जगहों पर जरूर जाएं। यहां आपको जाकर बहुत ही अच्छा लगेगा। शिमला से स्पीति वैली (हिमाचल प्रदेश) नवंबर-दिसंबर में अगर आप बर्फ से ढकी वादियों में ड्राइव करना चाहते हैं, तो शिमला से स्पीति का सफर किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है। यह रास्ता किन्नौर, नाको, ताबो और काजा जैसे खूबसूरत गांवों से होकर गुजरता है।
इस रूट की सबसे बड़ी खासियत सर्दियों में मिलने वाला सुकून और भीड़भाड़ से दूर शांति है। यहां जाकर आप अपनी सारी परेशानियों को भूल जाएंगे। जैसलमेर से जोधपुर (राजस्थान) रेगिस्तान की रेत में ड्राइव करने का मज़ा ही कुछ और है। जैसलमेर से जोधपुर का रूट लगभग 300 किलोमीटर लंबा है। इस दौरान रास्ते में सुनहरी रेत के टीलों के साथ-साथ भव्य किले, लोक संस्कृति और रंग-बिरंगे बाज़ार देखने को मिलते हैं। नवंबर-दिसंबर में यहां का मौसम ठंडा और ट्रिप के लिए एकदम परफेक्ट रहता है। अगर किस्मत अच्छी हो तो रास्ते में ऊंट कारवां भी दिख जाएंगे।
यहां आप बहुत सारी मेमोरिज बना सकते हैं। कोच्चि से वारकला (केरल) अगर आप समुद्र किनारे ड्राइव करना पसंद करते हैं, तो कोच्चि से वारकला तक का सफर जन्नत जैसा है। करीब 180 किलोमीटर लंबा यह रास्ता हरे-भरे नारियल के पेड़ों, झीलों और बीचों से होकर गुजरता है। रास्ते में अल्लेप्पी और कोवलम जैसे शानदार स्पॉट्स भी हैं। यह ट्रिप आपको केरल की असली खूबसूरती बैकवॉटर और बीच कल्चर दोनों का मजा देती है। वायनाड से कोर्ग (कर्नाटक) वायनाड से कोर्ग की रोड ट्रिप उन लोगों के लिए है, जिन्हें पहाड़ों और कॉफी दोनों से प्यार है।
धुंध से ढके जंगल, झरनों की आवाज और रास्ते भर फैली कॉफी की खुशबू इस सफर को यादगार बना देती है। यहां सर्दियों में मौसम बेहद सुहावना रहता है, जिससे ड्राइव और भी रिलैक्सिंग लगती है। इस दौरान आप अपने पार्टनर के साथ घूमने भी जा सकते हैं। गुवाहाटी से तवांग (अरुणाचल प्रदेश) अगर आप एडवेंचर और ऑफबीट ट्रैवल पसंद करते हैं, तो यह रूट आपके लिए बना है। गुवाहाटी से तवांग तक का सफर पूर्वोत्तर भारत की असली आत्मा को दिखाता है हरे-भरे पहाड़, नदियां, बौद्ध मठ और स्थानीय संस्कृति देखने को मिलेगी।
बता दें कि यह रास्ता चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन हर मोड़ पर नई खूबसूरती मिलेगी। इन बातों का रखें ध्यान मौसम की जांच करें। गर्म कपड़े, थर्मस, फर्स्ट-एड किट और स्नैक्स ज़रूर रखें। पहाड़ी और लंबी दूरी की ड्राइव के लिए कार या बाइक पूरी तरह फिट होनी चाहिए। रास्ते में मिलने वाले स्थानीय व्यंजन और संस्कृति का अनुभव जरूर लें। ऑफलाइन मैप्स, नेविगेशन और जरूरी डॉक्युमेंट्स साथ रखें।

