जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं को केन्द्र में रखकर योजनाओं एवं कार्यक्रमों का संचालन कर रही है। जिससे इस आधी आबादी को प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर मिले। शर्मा का मानना है कि देश-प्रदेश की प्रगति महिलाओं के सशक्तीकरण से ही संभव है। इसी धारणा के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभूतपूर्व कदम उठाए गए हैं। जिससे प्रदेश में महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर आर्थिक रूप से मजबूत हुई हैं।
राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से प्रदेश में आज महिलाएं खेती से लेकर उद्योग, सेवा, आधुनिक प्रौद्योगिकी से जुड़े क्षेत्रों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं तथा ‘विकसित राजस्थान’ के संकल्प को गति देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। डबल इंजन की सरकार से महिलाओं को मिल रही बड़ी राहत। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अनुसार नारी शक्ति आर्थिक विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण घटक है। उनके नेतृत्व में प्रदेश की डबल इंजन सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को लाभान्वित कर रही है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रदेश में 9.50 लाख महिलाओं को पंजीकृत किया गया। साथ ही, योजना के तहत देय राशि 5 हजार रूपये से बढ़ाकर 6,500 रूपये की गई है। वहीं, मुख्यमंत्री रसोई गैस सब्सिडी योजना के तहत महिलाओं को 450 रुपये में घरेलू गैस सिलेण्डर उपलब्ध करवाया जा रहा है। राज्य सरकार विभिन्न अवसरों पर महिलाओं को रोडवेज बसों में विशेष छूट भी देती है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 12.78 लाख महिला यात्रियों को तथा रक्षाबंधन पर 7.48 लाख महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गई।
मुख्यमंत्री की एक अनूठी पहल पर प्रदेश की लगभग 1,400 से अधिक वीरांगनाओं के सम्मान में इस वर्ष रक्षा बंधन के पर्व पर प्रत्येक वीरांगना को भेंट स्वरूप श्रीफल, शॉल, मिठाई एवं 2,100 रूपये नगद राशि दी गई। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को राज्य सरकार अनेक प्रोत्साहन देकर सशक्त कर रही है। गार्गी पुरस्कार योजना, बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना, इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना, मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना, आपकी बेटी योजना, मूक बधिर एवं नैत्रहीन बालिकाओं के लिए अक्षमता युक्त आर्थिक सबलता पुरस्कार योजना जैसी अनेक योजनाओं से प्रदेश में बालिकाएं लाभान्वित हो रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा कालीबाई उच्च शिक्षा स्कूटी योजना एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के अन्तर्गत 39 हजार से अधिक स्कूटियों का वितरण किया गया। प्रदेश के विकास में महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए राजकीय महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु छात्राओं के लिये सत्र 2024-25 से 30 प्रतिशत सीटें क्षैतिज रूप में आरक्षित की गई।
राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, कृषि संकाय में उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन, 10.51 लाख साइकिलों का वितरण, आवासीय संस्थानों के मैस भत्ते की राशि, मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम सहित विभिन्न कार्यक्रम एवं योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। महिला निधि के माध्यम से 31,053 स्वयं सहायता समूहों को ऋण उपलब्ध कराया गया।
लखपति दीदी योजना के तहत प्रदेश में 18.25 लाख महिलाओं को लखपति दीदी का प्रशिक्षण दिया गया तथा लगभग 11 लाख महिलाओं को लखपति दीदी की श्रेणी में लाया गया। योजना के क्रियान्वयन में राजस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने इसे डिजिटल आजीविका रजिस्टर प्रविष्टियों के लिए भारत के शीर्ष दो राज्यों में स्थान दिलाया है। अमृता हाट, मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में क्रमोन्नत, स्वयं सहायता समूहों के लिए आजीविका संवर्धन के लिए राशि उपलब्ध कराने, महिलाओं को उन्नत कृषि तकनीकी के तहत ड्रोन संचालन प्रशिक्षण जैसे कार्यों से महिलाओं में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिला है।
साथ ही, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम- जनमन) के अंतर्गत बारां जिले में 90 पीवीटीजी वन धन विकास केन्द्रों का गठन किया गया, जिसके अंतर्गत सहरिया जनजाति की 15 हजार 878 महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की पहल पर राज्य सरकार ने प्रदेश के प्रत्येक अंचल में महिला सशक्तीकरण पर फोकस किया है। राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के विकास के लिए किए जा रहे निरन्तर निर्णयों से उनके पंखों को उडान मिली है तथा वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
इसी आधी आबादी की पूर्ण सहभागिता से उत्कृष्ट एवं समृद्ध राजस्थान की परिकल्पना को पूरा किया जा सकेगा।