नई दिल्ली। भारत और भूटान पहली बार रेल मार्ग से जुड़ेंगे। दोनों देशों के बीच सीमावर्ती इलाकों, कोकराझार-गेलफू और बनरहाट-सामत्से रेल मार्ग के जरिए जोड़ा जाएगा। रणनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो भारत और भूटान के बीच यह रेल परियोजनाएं बेहद अहम हैं। सोमवार को दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में इसे लेकर सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि इन परियोजनाओं का खर्च भारतीय इलाके में बनने वाले रेल मार्ग का भारत सरकार और भूटान के इलाके में बनने वाले ट्रेक का खर्च भारतीय विदेश मंत्रालय वहन करेगा। रेल मंत्री ने बताया कि इन दोनों ही परियोजनाओं पर कुल खर्च 4033 करोड़ रुपए आएगा। जो कुल 89 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें कोकराझार-गेलफू 69 किलोमीटर और बनरहाट-सामत्से रेल मार्ग 20 किलोमीटर लंबा होगा।
यह दोनों रेल मार्ग न केवल भूटान को उसकी पहली रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करेंगे, बल्कि भारत एवं भूटान की द्विपक्षीय साझेदारी को गहरे सामरिक और आर्थिक आयाम देंगे। माना जा रहा है कि यह परियोजना सीमा पार संपर्क को मजबूत करने, राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने और स्थानीय एवं क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाएगी। इसके अलावा जानकार भारत के इस कदम को चीन के बीआरआई का जवाब भी मान रहे हैं।


