यात्रा की गति को बनाए रखने के लिए बिहार कांग्रेस ने बांका-गया वॉकथॉन की बनाई योजना

Sabal Singh Bhati
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पटना, 12 फरवरी ()। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की शानदार सफलता के बाद पाटी कैंप में उत्साह लौट आया है। बिहार में लालू प्रसाद यादव के उदय के बाद, कांग्रेस ने 32 वर्षों से बिहार में राजद के लिए सहायक भूमिका निभाई। केंद्र में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद सबसे पुरानी पार्टी के लिए स्थिति और खराब हो गई।

प्रियंका गांधी वाड्रा जैसे कांग्रेस नेताओं ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए कड़ी मेहनत की, लेकिन उनकी कोशिश अमेठी और रायबरेली से आगे नहीं बढ़ पाई।

कन्याकुमारी से कश्मीर तक मेगा वॉकथॉन ने पार्टी को एक नई उम्मीद दी। पार्टी ने उन राज्यों में भी इसी तरह की यात्राओं की घोषणा की, जो भारत जोड़ो यात्रा के मार्ग के अंतर्गत नहीं आते थे।

बिहार में प्रदेश कांग्रेस के नेता अपना राजनीतिक भविष्य पलटने के मकसद से बांका से गया तक पदयात्रा निकाल रहे हैं।

गौरतलब है कि बिहार और उत्तर प्रदेश लोकसभा में किसी भी राजनीतिक दल के भाग्य का निर्धारण करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं और उत्तर प्रदेश में 80। कांग्रेस दोनों राज्यों में कमजोर है।

अब चर्चा है कि राहुल गांधी देश के पश्चिम से पूर्व की ओर एक और पदयात्रा शुरू कर सकते हैं, जो उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़े हिस्से को कवर करेगी।

भारत जोड़ो यात्रा के बाद बिहार में कांग्रेस के नेता भी उत्साहित हैं।

बिहार की जनता शायद बदलाव की तलाश में है और राहुल गांधी के नाम पर कांग्रेस को मौका दे सकती है।

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