बिहार चुनाव में लालू यादव के बेटों के बीच सियासी टकराव

vikram singh Bhati

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में आरजेडी के भीतर भाईचारा टूट गया है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और छोटे बेटे तेजस्वी यादव के बीच सियासी वर्चस्व की जंग छिड़ गई है। पहले तेज प्रताप खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताकर उनका रथ खींचने की बात करते थे, लेकिन अब दोनों आमने-सामने हैं। महुआ सीट पर आरजेडी के उम्मीदवार उतारे जाने के बाद तेज प्रताप ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तेज प्रताप को लालू परिवार और आरजेडी से बेदखल कर दिया गया था।

इसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी ‘जन शक्ति जनता दल’ बनाई और महुआ से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। परिवार का कोई सदस्य उनके साथ नहीं है। माता-पिता चुप हैं, तेजस्वी ने साथ छोड़ दिया है। तेज प्रताप ने साफ कहा कि मरना मंजूर है, लेकिन आरजेडी में दोबारा नहीं जाएंगे। वह अकेले अपनी राजनीतिक जमीन बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। महुआ से मुकेश रौशन को बनाया उम्मीदवार आरजेडी ने महुआ से मुकेश रौशन को उम्मीदवार बनाया, जिससे तेज प्रताप की राह मुश्किल हो गई।

जवाब में तेज प्रताप ने तेजस्वी की राघोपुर सीट पर अपने उम्मीदवार प्रेम कुमार यादव उतार दिए। वह खुद प्रचार करने जाएंगे। तेज प्रताप ने कहा कि आरजेडी अब बीजेपी-जेडीयू की तरह दुश्मन है। तेजस्वी उनके छोटे भाई हैं, आशीर्वाद दे सकते हैं, लेकिन सुदर्शन चक्र नहीं चलाएंगे। पहचान लालू के बलबूते पर तेज प्रताप ने तेजस्वी को नसीहत दी कि उनकी पहचान लालू के बलबूते पर है, खुद के नहीं। अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची।

तेज प्रताप के इस कदम से आरजेडी के वोटों में सेंध लगने और पार्टी की मुश्किलें बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। दोनों भाइयों की यह जंग बिहार की सियासत को महाभारत का रूप दे रही है।

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Vikram Singh Bhati is author of Niharika Times web portal