कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा के ऐतिहासिक दशहरा मेले में पहुंचे और आम नागरिकों की तरह बाजार में घूमकर खरीदारी की और व्यापारियों का हौंसला बढ़ाया। ओम बिरला ने विभिन्न स्टालों और दुकानों पर जाकर छोटे व्यापारियों और कारीगरों से मुलाकात की, उनके अनुभव सुने और मेले के आयोजन को और बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी लिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दशहरा मेला केवल मनोरंजन और उत्सव का स्थल नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने का भी मंच है।
यहां देशभर से आए छोटे व्यापारी, हस्तशिल्पी और कारीगर अपने हाथों से बनाए उत्पादों को प्रस्तुत करते हैं, जो हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि इस मेला परिसर को और अधिक सुव्यवस्थित और व्यापार-अनुकूल बनाना जरूरी है ताकि कारीगरों और उद्यमियों को अपनी कला और उत्पादों को देश-दुनिया तक पहुंचाने का अवसर मिल सके। उन्होंने मेले में मौजूद दुकानदारों से विस्तार से बातचीत की और उनके व्यवसाय से जुड़ी चुनौतियों को समझा।
उन्होंने छोटे व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि उनके सुझावों को ध्यान में रखते हुए मेले के ढांचे और सुविधाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों को केवल सांस्कृतिक उत्सव तक सीमित न रखकर स्थानीय उद्योग, हस्तशिल्प और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने का माध्यम बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मेले में आने वाले हर व्यापारी को यह महसूस होना चाहिए कि यह उनका अपना मंच है जो उन्हें आत्मनिर्भर बनने और आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने देर रात तक मेले में समय बिताया और वहां की रौनक का आनंद लिया। उन्होंने आम लोगों के बीच बैठकर चाय की चुस्की भी ली और मेले में आए परिवारों से संवाद किया। बिरला ने कहा कि दशहरा मेला कोटा की पहचान है और यह आयोजन हर वर्ष नए स्वरूप और नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में हमारा प्रयास रहेगा कि कोटा का दशहरा मेला न केवल सांस्कृतिक उत्सव के रूप में बल्कि स्थानीय उत्पादों, कला, हस्तशिल्प और उद्यमिता के सबसे बड़े मंच के रूप में स्थापित हो।
इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को और सुदृढ़ किया जाएगा।