नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था को विफल करने का आरोप लगाया है। राजधानी के दो स्कूलों को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिससे चारों ओर अफरा-तफरी मच गई है। भाजपा की चार इंजन वाली सरकार के बावजूद, दिल्ली में सुरक्षा की स्थिति यह है कि आज फिर दो स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिससे बच्चों और अभिभावकों में खौफ फैल गया है।
पिछले एक साल से स्कूलों को लगातार बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं, लेकिन दिल्ली पुलिस अब तक एक भी आरोपी को पकड़ने में असफल रही है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत अन्य नेताओं ने भाजपा सरकार को राज्य को सुरक्षित माहौल देने में पूरी तरह विफल बताया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों को बार-बार बम की धमकी मिल रही है, जिससे हर तरफ अफरा-तफरी मच जाती है। स्कूलों की छुट्टी होती है और माता-पिता डर के साये में जी रहे हैं।
पिछले एक साल में न तो कोई पकड़ा गया है और न ही कोई कार्रवाई हुई है। भाजपा सरकार राजधानी की सुरक्षा को संभालने में असमर्थ है। आतिशी ने भी इस मुद्दे पर भाजपा को आड़े हाथ लिया और सोशल मीडिया पर कहा कि आज फिर कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह स्थिति कब तक चलती रहेगी? देश की राजधानी में यह सिलसिला आम जनता की चिंता और बच्चों के डर को बढ़ा रहा है। माता-पिता हर रोज भय के साये में जी रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार को कोई परवाह नहीं है।
दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने भी कहा कि आज फिर कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। यह स्थिति कब तक चलती रहेगी? बार-बार मिलने वाली इन धमकियों ने बच्चों की मासूमियत और माता-पिता की नींद छीन ली है। यह सिर्फ धमकी नहीं, बल्कि दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सीधा सवाल है, लेकिन भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। न तो सुरक्षा बढ़ी है और न ही गुनहगार पकड़े गए हैं। भाजपा सरकार कब जागेगी? दिल्ली की जनता और बच्चों की सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा?
आप का कहना है कि दिल्ली के स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी फिर से मिली है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और बम्बई उच्च न्यायालय को भी ऐसी धमकी मिली थी। दिल्ली में लगातार ऐसी धमकियां आ रही हैं, जिससे लोगों में खौफ फैल रहा है, लेकिन भाजपा की दिल्ली पुलिस और जांच एजेंसियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इन धमकियों के पीछे कौन है, आज तक यह पता नहीं लग पाया है।