भाजपा ने संगठन कौशल से लिखी जीत की इबारत, सपा के अरमानों पर फेरा पानी

Sabal Singh Bhati
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लखनऊ, 4 फरवरी ()। भाजपा ने विधान परिषद में पांच में चार सीटें अपने राजनीतिक कौशल से जीतकर सपा के अरमानों पर पानी फेर दिया है। बरेली-मुरादाबाद खंड स्नातक सीट पर भाजपा प्रत्याशी जयपाल सिंह व्यस्त ने बड़े अंतर से लगातार तीसरी जीत दर्ज की। वहीं कानपुर में स्नातक एमएलसी चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अरुण पाठक भी अच्छे वोटों से जीते। गोरखपुर में स्नातक एमएलसी चुनाव में भाजपा के देवेंद्र प्रताप ने कीर्तिमान रचते हुए चौथी बार जीत हासिल की है। जबकि कानपुर शिक्षक खंड सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी राज बहादुर सिंह चंदेल ने जीत का परचम लहराया। उन्होंने छठवीं बार जीत दर्ज की। वहीं इलाहाबाद-झांसी खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के बाबूलाल तिवारी ने जीत हासिल की।

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक छह साल पहले परिषद में मात्र नौ सदस्यों के साथ सत्तापक्ष में बैठी भाजपा ने धीरे-धीरे न केवल अपनी संख्या को बढ़ायी, बल्कि सपा, बसपा के साथ परिषद चुनाव में शिक्षक एवं स्नातक खंड के क्षत्रप शर्मा गुट के शिक्षक दल (गैर राजनीतिक) और चंदेल गुट के निर्दलीय समूह को इकाई पर समेट दिया है।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक संगठन और सरकार के साझा प्रयास रंग लाए। एमएलसी चुनाव की घोषणा से पहले ही भाजपा ने अपने वोटर बना लिए, जबकि विपक्षी दल इसमें पीछे रहे। इस चुनाव की निगरानी स्वयं महामंत्री संगठन धर्मपाल ने संभाल रखी थी। उनका शिक्षा के क्षेत्र से पुराना नाता रहा है। इसलिए उन्होंने जिन क्षेत्रों में चुनाव था, वहां संगठन के पदाधिकारियों और मंत्रियों की ड्यूटी लगाई। इन लोगों ने वोटरों के साथ सम्मेलन करके भाजपा के पक्ष के माहौल तैयार किया। धर्मपाल ने चुनाव वालों जिलों में खुद प्रवास किया। वोटरों को निकालने और उन्हें जागरूक करने के लिए हर जिलों में संयोजक बनवाएं। बूथ स्तर तक मैनेजमेंट किया गया। सपा मंडल-कमंडल की राजनीति में उलझी रही। उसके उलट भाजपा की तगड़ी व्यू रचना में सपा फंस गई। अपने प्रयोगों के लिए माने जाने वाले धर्मपाल ने पन्ना प्रमुख और संयोजक से लेकर सभी को पूरे चुनाव भर मॉनिटर करते रहे।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि विधान परिषद चुनाव के परिणाम यह स्पष्ट संदेश है कि प्रदेश की महान जनता दंगाइयों, भ्रष्टाचारियों और धार्मिक ग्रन्थों का अपमान करने वालों के साथ नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व वाली डबल इंजन की भाजपा सरकार के साथ है।

गौरतलब है कि परिषद की 100 में से 6 सीटें खाली हैं। भाजपा ने 76 सीटों के साथ दो तिहाई से अधिक सीटों पर कब्जा जमा लिया है। मनोनीत कोटे की छह सीटों पर मनोनयन के बाद भाजपा के सदस्यों की संख्या 82 हो जाएगी, जबकि, सपा के 9 और बसपा का मात्र एक सदस्य है। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस की परिषद में कोई उपस्थिति नहीं है। 9 सदस्यों के साथ इकाई तक सिमटी सपा नेता प्रतिपक्ष की स्थिति में भी नहीं रह गई है।

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times